डॉ. सीवी आनंद बोस 23 नवंबर को कोलकाता में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में शपथ लेंगे. बीते गुरुवार को डॉ. सीवी आनंद बोस को राष्ट्रपति भवन की ओर से पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया था. इससे पहले 71 वर्षीय डॉ. आनंद बोस मेघालय सरकार के सलाहकार थे. डॉ. बोस की नियुक्ति पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ के अगस्त में उपराष्ट्रपति चुने जाने के महीनों बाद हुई थी. जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद से मणिपुर के राज्यपाल ला गणेशन बंगाल के गर्वनर का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे. पूर्व नौकरशाह डॉ. सीवी आनंद बोस एक सेवानिवृत्त केंद्रीय सचिव हैं, जिन्होंने जहां भी काम किया, अपनी छाप छोड़ी है. आनंद बोस 1977 में केरल कैडर में आईएएस में शामिल हुए और केरल में विश्वविद्यालय के कुलपति, अतिरिक्त मुख्य सचिव और जिला कलेक्टर के कार्यालयों का कार्यभार संभाल चुके हैं. डॉ. सीवी आनंद बोस एक लेखक और स्तंभकार भी है. उन्होंने उपन्यास, लघु कथाएं, कविताएं और निबंध सहित अंग्रेजी, मलयालम और हिंदी में 40 पुस्तकें प्रकाशित की हैं. उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए 29 अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए राष्ट्रीय विकास एजेंडा तैयार करने वाले कार्यकारी समूह के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया है. सरकार ने “सभी के लिए किफायती आवास” के उनके कॉन्सेप्ट को अपनाया गया था. उन्हें जवाहरलाल नेहरू फैलोशिप से सम्मानित किया जा चुका है. 2 जनवरी, 1951 को केरल के कोट्टायम जिले के मन्नानम गांव में जन्मे आनंद बोस के पिता पी.के. वासुदेवन नायर एक स्वतंत्रता सेनानी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के अनुयायी थे. नायर ने ही अपने बेटे के नाम के आगे ‘बोस’ जोड़ा था. डॉ. सीवी आनंद बोस 2019 में बीजेपी में शामिल हुए थे, लेकिन केरल की स्थानीय राजनीति से दूर रहकर उन्होंने राष्ट्रीय नेताओं के साथ नेटवर्क बनाया.
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23 नवंबर को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में शपथ लेंगे सीवी आनंद बोस
