कोमोडो ड्रैगन : दुनिया की सबसे बड़ी छिपकली. लंबाई 10 फीट तक जा सकती है और वजन 70 किलोग्राम तक. आमतौर पर इंडोनेशिया के जिली मोतांग, फ्लोरेस, रिंका और कोमोडो द्वीपों पर पाया जाता है. यह ऐसी छिपकली है, जो बिना नर की सहायता के प्रजनन कर सकती है. इन्हें सेक्स के लिए नर की जरुरत नहीं होती. इसकी जानकारी साल 2005 में एक मादा कोमोडो ड्रैगन ने लंदन चिड़ियाघर में अंडे दिए. वह भी तब जब उसे उसके नर से अलग करके दो साल पहले इंडोनेशिया लाया गया था.
पहले तो लगा कि शायद मादा ने नर के स्पर्म को स्टोर कर लिया होगा. लेकिन यह बात तब खारिज हो गई जब दूसरी मारा कोमोडो ड्रैगन ने 2006 में 11 अंडे दिए. इनमें से सात अंडों से छिपकलियां निकली. इससे पता चलता है कि जब मादा कोमोडो ड्रैगन को नर से दूर करके अकेले रख दिया जाता है, तब भी वह पार्थेनोजेनेसिस कि प्रक्रिया के जरिए खुद अपनी पीढ़ी बढ़ा लेती है. बिना मादा बिना नर स्पर्म के ही प्रजनन कर लेती है, तब उसे पार्थेनोजेनेसिस कहते हैं.
एफिड्स (Aphids): एफिड्स फलों, फूलों, सब्जियों का रस चूसने वाले बेहद छोटे कीड़े होते हैं. ये इतने काबिल होते हैं कि ये सेक्स करके या बिना सेक्स के ही प्रजनन कर सकते हैं. आमतौर पर एफिड्स इन दोनों ही तरीकों का अल्टरनेट इस्तेमाल करते हैं. मतलब नर या मादा मिलकर प्रजनन करते हैं. या फिर मादा खुद-ब-खुद यह काम कर लेती हैं. बस इन्हें एक ऐसी जगह चाहिए होती है, जहां से इन्हें लगातार रस मिलता रहे. ये अपने पूरे जीवन में कई बार होस्ट बदलते हैं. अलग-अलग होस्ट पर प्रजनन करते रहते हैं.
ब्लैकटिप शार्क (Blacktip Shark): सबट्रॉपिकल इलाकों में यह शार्क आमतौर पर पाई जाती है. यह दोनों तरीकों से प्रजनन कर सकती है. शारीरिक संबंध बनाकर या फिर बिना बनाए. साल 2007 में एक 9 साल की मादा ब्लैकटिप शार्क ने वर्जिनिया एक्वेरियम के मरीन साइंस सेंटर में बिना किसी नर से संबंध बनाए, गर्भवती हुई थी. जब जेनेटिक एनालिसिस की गई तो पता चला कि इसने भी पार्थेनोजेनेसिस के जरिए गर्भधारण किया था.
ट्राइेरिस स्टेनासपिस (Triaeris Stenaspis): यह एक मकड़ी की प्रजाति है. ये अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, मैडागास्कर, अर्जेंटीना, कुक आइलैंड, हवाई और गैलापैगोस आइलैंड्स पर मिलती है. इस मकड़ी की प्रजाति में आजतक कोई नर नहीं मिला. यहां सिर्फ मादाएं ही होती हैं. बिना नर के ही ये प्रजनन कर लेती हैं. इनके साथ एक ही दिक्कत है बिना नर की मदद से प्रजनन करने के बाद जब ये अंडे देती हैं, तो इनकी मौत हो जाती है. एक मकड़ी अंडे देकर मरती है तो दूसरी मकड़ी उसे पालती है. इसी तरह से इनका वंश आगे बढ़ रहा है.
बोनेटहेड शार्क (Bonnethead Shark): यह दुनिया की इकलौती ऐसी शार्क है जो मांसाहारी तो है ही. साथ ही शाकाहारी भी है. यह इक्वाडोर से कैलिफोर्निया और मेक्सिकल गल्फ से न्यू इंग्लैंड तक के समुद्री इलाके में मिलती है. बोनेटहेड शार्क उस समुद्र में रहती है, जिसका तापमान 21 डिग्री सेल्सियस के ऊपर हो. ये सर्दियों में इक्वेटर लाइन के पास और गर्मियों में मेक्सिकन गल्फ में माइग्रेट करती हैं. नेब्रास्का के हेनरी डूर्ली चिड़ियाघर में इस शार्क ने पार्थेनोजेनेसिस से गर्भधारण किया था. जिसकी पुष्टि भी जेनेटिक एनालिसिस से हुई थी.
ब्राह्मिणी ब्लांइड स्नेक (Brahminy Blind Snake): एशिया और अफ्रीका में पाया जाने वाला सांप. यह जहरीला नहीं होता. इन्हें अन्य देशों में भी भेजा गया. जैसे ओशिएनिया, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया. ये आमतौर पर जमीन के अंदर छिप कर रहते हैं. इन्हें दिखता नहीं है. ये पूरी तरह से पार्थेनोजेनेसिस के आधार पर ही प्रजनन करते हैं. अब तक जितने भी सांप इस प्रजाति में मिले हैं, सब के सब मादा ही मिले. ये इस तरह से अपने बच्चे पैदा करते हैं कि सारे के सारे जेनेटिकली एक जैसे ही होते हैं.
इंडो-पैसिफिक गेको (Indo-Pacific Gecko): इंडो-पैसिफिक गेको को फॉक्स गेको भी कहते हैं. ये ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण-पूर्व एशिया और फिलिपींस में पाए जाते हैं. ये आमतौर पर गहरे भूरे, स्लेटी या पीले-ट्रांसलुसेंट रंग के होते हैं. आमतौर पर ये रात के अंधेरे में रोशनी पड़ने पर चमकते हैं. ये जीव भी पूरी तरह से स्वतः प्रजनन करते हैं. इन्हें किसी पार्टनर की जरुरत नहीं होती. यानी मादा को नर की आवश्यकता नहीं होती.
न्यू मेक्सिको व्हिपटेल (New Mexico Whiptail): यह एक छिपकली की प्रजाति है जो चिहुआहुआ मेक्सिको, अर्जेंटीना और न्यू मेक्सिको में ही मिलती है. ये उन अनगिनत छिपकलियों में से एक है, जो पार्थेनोजेनेसिस करती है. इन छिपकलियों की प्रजाति में सिर्फ मादाएं ही होती हैं. ये जीव सदियों से खुद को इसी तरह विकसित करती चली आ रही हैं. कई बार ये हाइब्रिडाइजेशन के जरिए वेस्टर्न व्हिपटेल्स और लिटिल स्ट्रिप्ड व्हिपटेल छिपकली बना देती हैं.
डैफ्निया पुलेक्स (Daphnia Pulex): पानी में घूमने वाले फ्ली की बड़ी प्रजाति है. यह पूरी दुनिया में मिलती है. लेकिन ज्यादातर ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और यूरोप. ये आमतौर पर लाल रंग की दिखती है. क्योंकि इनके शरीर में हीमोग्लोबिन होता है. डैफ्निया पुलेक्स का सिर छह हिस्सों में बंटा होता है. ये शारीरिक संबंध बनाकर या बिना बनाए भी प्रजनन कर लेते हैं. यानी यहां मादा चाहे तो नर से संबंध बनाकर प्रजनन करे या फिर बिना बनाए प्रजनन करे.