वर्ल्ड बैंक की ओर से जारी किए गए लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक (LPI) 2023 में भारत अब 38वें स्थान पर है. भारत 6 पायदान ऊपर आ गया है. ये जानकारी वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने दी है. साल 2018 और 2014 में भारत क्रमशः 44वें और 54वें स्थान पर था. ऐसे में प्रगति को देखते हुए वर्तमान में भारत की रैंक काफी बेहतर है
भारत सरकार ने साल 2021 के अक्टूबर महीने में लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने और 2024-25 तक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी के लिए एक राष्ट्रीय मास्टर प्लान पीएम गति शक्ति योजना की घोषणा की थी. ठीक एक साल के बाद साल 2022 में पीएम मोदी ने लास्ट माइल डिलीवरी, परिवहन संबंधी चुनौतियों को समाप्त करने तथा विनिर्माण क्षेत्र के समय और धन को बचाने के लिए नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी शुरू की थी. लॉजिस्टिक परफॉर्मेंस इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने इंफ्रास्ट्रक्चर के स्कोर पर भी बढ़त हासिल की है. इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में साल 2018 में भारत की रैंक 52 थी, जो अब सुधर कर 47 हो गई है. इंफ्रास्ट्रक्चर के अलावा भारत की रैंकिंग अंतरराष्ट्रीय शिपमेंट में भी सुधरी है. साल 2018 में भारत की रैंक 44 थी, जो अब सुधर कर 22 हो गई है. लॉजिस्टिक क्षमता और समानता की रैंकिंग में भी भारत चार स्थान बढ़कर 48वें स्थान पर पहुंच गया है.
दूसरे देशों का हाल
वहीं, भारत के अलावा दूसरे देशों की अगर बात की जाए तो अमेरिका, रूस और यूके का नाम टॉप 10 की लिस्ट में शामिल नहीं है. लिस्ट के मुताबिक, पहले स्थान पर सिंगापुर है, इसके बाद दूसरे नंबर पर फिनलैंड, तीसरे स्थान पर डेनमार्क, चौथे पर जर्मनी, पांचवें पर नीदरलैंड, छठे पर स्विटजरलैंड, सातवें पर ऑस्ट्रिया, आठवें पर बेल्जियम, नौवें पर कनाडा और दसवें नंबर पर हांगकांग शामिल है.