- पूर्व सांसद, विधायक, निलंबित आईएएस सहित व्यापारी और डॉक्टर भी लगे कतार में
जौनपुर धारा, जौनपुर। भाजपा में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर तैयारियों के साथ टिकट की रस्साकशी तेज हो गई है। वहीं बाहरी लोग भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं। दो पूर्व सांसद व एक पूर्व विधायक राष्ट्रीय नेतृत्व तक जुगाड़ लगा रहे हैं। इसके अलावा आधा दर्जन ऐसे दावेदार हैं, जो खुद को बता तो समाजसेवी रहें हैं लेकिन इनका दूर-दूर तक समाजसेवा से कोई नाता ही नहीं रहा है। एकाक दवेदारी ऐसी भी है जो महज चुनाव के समय सक्रीय होते है और कई प्रयास में भी दोनों हाथ खाली ही रहा है। मछलीशहर लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है और वहाँ भी प्रत्याशी की दावेदारी अनुसूचित जाति से हैं। वहाँ भी दावेदारी हर किसी की मजबूत बताई जा रही है। इन सबके बीच अपनी राजनीतिक नैया पार लगाने के लिए नेताओं ने अभी से हाथ-पैर मारने शुरू कर दिए हैं।

जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा, टिकट को लेकर भाजपा में घमासान बढ़ता जा रहा। टिकट की प्रत्याशा में कई नये चेहरे भी अपना बैनर-पोस्टर लगाकर राजनीति के गलियारों में घूसने का प्रयास कर रहें है। इन दिनों भाजपा में दूसरे दलों के लोगों को सदस्यता भी तेजी से दिलाई जा रही है। लोकसभा चुनाव की गर्मी धीरे-धीरे बढ़ने लगी है। राजनीतिक दलों के क्षेत्रिय नेताओं ने अपनी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है।

सांसदीय क्षेत्र में दो नये चेहरों मनीष नारायण चौरसिया और डॉ.क्षितिज शर्मा के पोस्टर भी क्षेत्र में हर जगह देखी जा रही है। दोनों चेहरों को राजनैतिक गलियारों में दूर-दूर तक नही देखा गया है। जिसमें एक तो पेशे से व्यापारी और दूसरे डॉक्टर है। वैसे भाजपा में खुद की दावेदारी तो अनेक लोग कर रहें है, जिसमें कई चेहरों के बारे पार्टी के शिर्ष नेताओं को पता भी नहीं होगा कि इन्हे भी चुनाव लड़ने का चस्का चढ़ा है। सदर लोकसभा सीट से पूर्व सांसद धनंजय सिंह की दावेदारी इन दिनों निर्दल प्रत्याशी के रूप में देखी जा रही है। क्योंकि अभी जदयू पार्टी में पद से हटाये जाने के बाद से उनके तमाम पोस्टर पर किसी पार्टी का सिम्बल या नाम नहीं देखा जा रहा है। वहीं इस सीट पर मोदी लहर में पहली बार सांसद बने के.पी.सिंह की दावेदारी भी प्रबल बताई जा रही है। इसके पूर्व भी उन्होने भाजपा के लोकसभा के लिये दावेदारी की थी लेकिन जौनपुर की जनता ने सपा-बसपा गठबंधन वाले प्रत्याशी श्याम सिंह यादव को सदन भेजने का फैसला किया था। वहीं भाजपा से टिकट की लम्बी कतारों के बीच कई चुनावों से टिकट की आस लगाये बैठे ज्ञानप्रकाश सिंह भी प्रबल दावेदारी की ताल ठोक रहें हैं। हालांकि टिकट की आस में अब तक वे जौनपुर की जनता के बीच कई माध्यमों से करोड़ों रूपये खर्च कर चुके हैं लेकिन चुनावी सर्वे हर बार उनके विपरित ही रही है।

वहीं जनता भी कई नये चेहरे जौनपुर के लाल के रूप में देख चुकी है जो अपना साथ महज चुनाव जितने तक ही देतें हैं। जिसका उदाहरण श्याम सिंह यादव को भी माना जा रहा है। हालांकि इधर लगभग एक साल से वे जौनपुर के लिये काफी सक्रिय दिखाई दे रहें हैं। लेकिन जौनपुर की अधिकांश जनता यह भी कहती पाई जाती है कि वह अपने सांसद को पहचानती ही नहीं है। आज पूर्व जिलाधिकारी आईएएस अभिषेक सिंह भी चुनावी रण में कूद पड़े है। उनकी दावेदारी भी क्षेत्र में खूब देखी जा रही है। पोस्टर बैनर के साथ ही तमाम कार्यक्रमों के माध्यम से लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में जुटे हुए हैं। हालांकि एक आरोप में वे भी डीएम रहते हुए 2015 में 3 साल के लिए दिल्ली सरकार में प्रतिनियुक्ति दी गई थी। 2018 में प्रतिनियुक्ति की अवधि 2 वर्ष के लिए बढ़ाई गई और वह मेडिकल लीव पर चले गए, इसलिए उन्हें दिल्ली सरकार ने 19 मार्च 2020 को उनके मूल कैडर में वापस भेज दिया। इसके बाद भी लंबे समय तक उन्होंने यूपी में जॉइनिंग नहीं की। इसलिए उन्हें दिल्ली सरकार ने 19 मार्च 2020 को उनके मूल कैडर में वापस भेज दिया। इसके बाद भी लंबे समय तक उन्होंने यूपी में जॉइनिंग नहीं की और उन्हे निलंबित कर दिया गया था। वहीं यह भी सवाल उठता है कि जो व्यक्ति एक जिम्मदोर पोस्ट पर रहते हुए अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं कर सका वह जौनपुर के सांसद की जिम्मेदारी कैसे संभाल पायेगा? हालांकि इस समय वह क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं और कई तरह से लोगों की सेवा में लगे हुए हैं। वहीं पार्टियां भी हर एक सीट पर जातीय और सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवार के चयन पर मंथन कर रही है। वहीं कई चेहरे अन्य राजनीतिक दलों के संपर्क में भी अभी से बताए जाने लगे हैं। इसी क्रम में बीजेपी ने यूपी में क्लीन स्वीप करने के लिए सभी 80 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। एक-एक लोकसभा सीट पर जातीय और राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवार के चयन पर मंथन चल रहा है। इसी के चलते बीजेपी अपने मौजूदा सांसदों के रिपोर्ट कार्ड को लेकर भी इंटरनल सर्वे करा रही है।