Become a member

Get the best offers and updates relating to Liberty Case News.

― Advertisement ―

spot_img

योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद : दिनेश टंडन

जौनपुर। लायन्स क्लब मेन द्वारा 11वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अन्तर्गत योग शिविर का आयोजन माया लान मछरहट्टा में आयोजित किया गया। जिसमे प्रशिक्षक...
Homeअपना जौनपुरलाखों के गबन व भ्रष्टाचार की जांच करने पहुंचे नामित अधिकारी

लाखों के गबन व भ्रष्टाचार की जांच करने पहुंचे नामित अधिकारी

  • ग्राम प्रधान सोना देवी पर आरोप, खड़ंजा, नाली व शौचालय में जमकर हुआ गड़बलझाला

जौनपुर धारा, जौनपुर। नेवढ़िया थाना अन्तर्गत ग्राम पंचायत बेनीपुर में ग्राम प्रधान सोना देवी द्वारा लाखों के गबन व भ्रष्टाचार की जांच करने जिलाधिकारी के आदेश पर नामित जांच अधिकारी शाही जमाल मत्स्य विभाग ने तीन बिंदुओं में 43 स्वच्छ भारत मिशन के तहत आए शौचालय,13 नाद चन्नी, 5 खड़ंजा की कई घंटे घूम घूम कर जांच की जिसमें काफी धांधली पाई गयी। ग्राम पंचायत बेनीपुर जो विकास खण्ड रामपुर में आता है वहां की ग्राम प्रधान सोना देवी द्वारा खड़ंजा, नाली, शौचालय, रिबोर में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। जांच में आए अधिकारी को एक भी खड़ंजा धरातल पर नहीं मिला तब उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। जब जांच अधिकारी सड़क से चंद्रदेव राजभर के घर तक इंटरलॉकिंग कार्य का मुआयना कर रहे थे वहां पर कई वर्षों से दो मंजिला मकान बना हुआ है और कोई भी इंटरलॉकिंग नहीं दिखा केवल कागजी कार्यवाही में पूरा है लेकिन धरातल पर कोई भी कार्य नहीं दिखा। सभी कार्यों का पैसा ग्राम प्रधान द्वारा जमकर गबन किया गया। जिन लाभार्थी का शौचालय का पैसा गबन किया उनसे मिलने पर बताया न तो शौचालय हमारा बनाया गया नहीं हमें पैसा दिया गया और हमें पता भी नहीं कि हमारे नाम से ग्राम प्रधान शौचालय का पैसा लेकर के गबन कर लिया है इसकी रिकवरी करके ग्राम प्रधान पर मुकदमा दायर कर इनका खाता सीज कर देना चाहिए जिससे भ्रष्टाचार कम हों सके। जांच अधिकारी के बार-बार बुलाने पर ग्राम प्रधान आए लेकिन जांच को देखते ही वहां से फरार हो गए और ग्राम प्रधान पति और पुत्र दोनों ही अपने घर के अंदर दरवाजा बंद करके मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया। ग्राम वासियों से पूछने पर पता चला कि ग्राम प्रधान फर्जी तरीके से अपने लोगों के जॉब कार्ड बनवाकर मनरेगा मजदूरी डालता है जो कभी आज तक मजदूरी करने नहीं गए। उन्ही लोगों का मस्टरोल जारी कर भुगतान किया जाता है। गरीब मुसहर बनवासी और इच्छुक श्रमिक काम करना चाहते हैं लेकिन उन्हें मनरेगा में काम नहीं मिलता। सभी से रिबोर के लिए पैसा मांगा जाता है और फर्जी तरीके से रिबोर का भुगतान कर लिया जाता है। ग्राम पंचायत में रिबोर नहीं हुआ लेकिन कई माह पहले ही ग्राम प्रधान उसका पैसा खा गए। कागजों में मेड़बंदी का पैसा खारिज कर लिया जाता है धरातल पर मेड़बंदी नियमानुसार न मौजूद होता है और न ही करवाया जाता है। शिकायतकर्ता लाल बहादुर यादव ने बताया कि कई लाखों का गबन हुआ है मैंने कई बार प्रार्थना पत्र दिया जांच भी हुआ लेकिन अभी तक कई माह बीत गया। ग्राम प्रधान पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। पुन: जिलाधिकारी से अवगत करा करके जांच करवाया जा रहा है। अब देखते हैं क्या होता है? मुख्यमंत्री भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्यवाही कर रहे हैं यदि यहां पर न्याय नहीं मिला तो हम शासन स्तर तक, हाई कोर्ट तक याचिका दाखिल करके भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ते रहेंगे जिससे शासन स्तर से आए धन से विकास कार्य धरातल पर हो सके।

Share Now...