कानपुर. कानपुर अपने पौराणिक इतिहास के लिए एक अलग मान्यता रखता है. कानपुर का जुड़ाव भगवान राम के समय से रहा है. कानपुर के बिठूर में वाल्मीकि आश्रम मौजूद है. जहां पर लव कुश ने जन्म लिया था. अब कानपुर के वाल्मीकि आश्रम का संरक्षण प्रदेश सरकार द्वारा किया जाएगा. इसके लिए पुरातन विभाग ने इच्छुक एजेंसियों से टेंडर के लिए आवेदन मांगे हैं.
आपको बता दें कि कानपुर के बिठूर में महर्षि वाल्मीकि का आश्रम मौजूद है. यह आश्रम देखरेख न होने के कारण अच्छी स्थिति में नहीं है. जिसको देखते हुए योगी सरकार द्वारा स्कूल संरक्षित करने का फैसला लिया गया है. इसके साथ ही मथुरा के राजा सीताराम महल व फतेहपुर के शिवराजपुर स्थित रसिक बिहारी मंदिर का भी जीणोद्धार और संरक्षण किया जाना है.
लव-कुश के जन्म से जुड़ी है जगह
महर्षि वाल्मीकि आश्रम कानपुर का सबसे प्रसिद्ध एवं आस्था का बड़ा केंद्र है दूर-दूर से लोग इस आश्रम में आकर यहां की कहानी के बारे में जानते हैं. इस आश्रम का जिक्र रामायण में भी मिलता है. कहा जाता है कि जब भगवान राम ने माता सीता को अयोध्या छोड़ने के लिए कहा था तब वह इसी आश्रम में आकर रही थी और उन्होंने लव कुश को भी जन्म इसी आश्रम में दिया था. यह आश्रम लवकुश जन्म स्थान के रूप में भी जाना जाता है. इसी सब मान्यता और महत्वता को देखते हुए योगी सरकार ने इस मंदिर का संरक्षण करने का फैसला लिया है. जिसके तहत विभिन्न एजेंसियों से ई टेंडरिंग के माध्यम से आवेदन मांगे गए हैं. यहां पर 1.52 करोड़ रुपए की लागत से संरक्षण का काम कराया जाएगा.