उत्तराखंड के उत्तरकाशी में ढही सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 लोगों को सकुशल निकालने के लिए राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. इस सुरंग में फंसे मजूदरों को सोमवार (20 नवंबर) को 9वां दिन है. रेस्क्यू अभियान में जुटी टीम को आज बड़ी सफलता हासिल हुई है. टनल में फंसे श्रमिकों से संवाद स्थापित करने और उनको खाने पीने की चीजों पहुंचाने को 6 इंच का पाइप डालने का काम पूरा कर लिया गया है.
इससे मजदूरों तक चीजों का आदान प्रदान करने में बड़ी मदद मिल सकेगी. हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) मेगा बचाव अभियान पर काम करने वाली कई सरकारी एजेंसियों में से एक है. उत्तरकाशी टनल (Uttarkashi Tunnel) में फंसे मजदूरों का रेस्क्यू कराने को पुरजोर कोशिश में जुटी है. एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशू मनीष खलखो ने कहा कि हमने अपनी पहली सफलता हासिल कर ली है जिसके लिए हम पिछले 9 दिनों से प्रयास कर रहे थे. हमारे लिए यह पहली प्राथमिकता थी. 6 इंच के लगाए गए इस पाइप से वे (फंसे हुए श्रमिक) हमें सुन सकते हैं. इस पाइप के जरिये भोजन और चिकित्सा संबंधी चीजों की आपूर्ति कर सकेंगे. कंपनी निदेशक खलखो ने बताया कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की ओर से रेस्क्यू ऑपरेशन में दो रोबोट को लगाया है. डीआरडीओ ने 20 किलो और 50 किलो वजन वाले 2 रोबोट भेजे हैं. यह रोबोट जमीन पर चलते हैं हालांकि टनल के अंदर की जमीन रेत की तरह है. इसलिए हमें आशंका है कि रोबोट वहां चल पाएंगे या नहीं. अन्य मशीनरी एक या दो दिन में पहुंच जाएंगी. उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक रुहेला ने सोमवार को कहा कि बचाव अभियान एडवांस स्टेज में है. सीमा सड़क संगठन (BRO) की ओर से अप्रोच रोड बनाने का काम किया जा रहा है जिसके आज देर रात्रि या फिर कल सुबह तक पूरा होने की उम्मीद है. उन्होंने यह भी बताया कि बीआरओ जहां भी आवश्यक हो रहा है वहां सड़क बनाने का काम कर रहा है. दोनों तरफ सड़कें तैयार हैं, हम मशीनरी का इंतजार कर रहे हैं. मशीने ज्यादा भारी भरकम हैं जिनको एयरलिफ्ट नहीं किया जा सकता. बता दें कि केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी चार धाम परियोजना की सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिसमें 41 मजदूरों की जान अभी भी फंसी हुई है.