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यात्री चिल्लाते रहे: भीड़ के कारण नहीं खुला संघमित्रा एक्स. के कोच का गेट

रेलवे की लापरवाही से शनिवार की रात पीडीडीयू नगर स्टेशन से चेन्नई के 190 यात्रियों में 67 यात्री संघमित्रा एक्सप्रेस में सवार ही नहीं हो पाए। भीड़ की वजह से ट्रेन के कोच का गेट ही नहीं खुला। वे चिल्लाते रहे, अधिकारियों से ट्रेन रोकवाने की गुहार लगाते रहे पर किसी न नहीं सुनी और ट्रेन उनके सामने से गुजर गई।

जो यात्री भीड़ को चीरते हुए किसी तरह ट्रेन में चढ़े उनके बैग और टिकट प्लेटफॉर्म पर ही छूट गए। छूटे यात्रियों को 15 घंटे बाद रविवार को दूसरी ट्रेन से भेजा गया। एक तरफ रेलवे यात्री सुविधाओं को बढ़ाने का दावा कर रही है। दूसरी तरफ ट्रेनों में भीड़ पर नियंत्रण नहीं लगा पा रही है।

कोच के दरवाजे पीटते रहे लेकिन किसी ने नहीं खोला

नौ दिन पहले चेन्नई के तिरूनामलाई जिले के 190 लोगों का दल काशी यात्रा पर आया था। काशी, प्रयागराज और गया भ्रमण के बाद शनिवार  रात बजे संघमित्रा एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में सभी का रिजर्वेशन था। सभी यात्री समय से रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए और ट्रेन का इंतजार करने लगे।

यात्रियों के साथ गाइड के रूप में आए पचईपन पाची और भूमिनाथन ने बताया कि रात 11 बजे ट्रेन स्थानीय रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या चार पर पहुंची। ट्रेन के सभी कोच के दरवाजे बंद थे और उसमें अत्यधिक यात्री थे। एस-1, एस-2, एस-3, एस-7, एस-9 सहित अन्य कोच के दरवाजे पीटे गए लेकिन अंदर से किसी ने दरवाजा नहीं खोला।

दल के 120 यात्री किसी तरह एसी कोच में चढ़ गए लेकिन उनके सामान और टिकट नीचे ही रह गए। वहीं 67 यात्री चढ़ ही नहीं पाए। इस बीच सिग्नल होने पर ट्रेन खुल गई। इस पर हम लोगों ने आरपीएफ और जीआरपी के जवानों से गुहार लगाई और ट्रेन रोकने को कहा लेकिन उन्होंने हमें ट्रेन से दूर कर दिया।

यहां तक कि टीटीई आदि से भी कहा लेकिन किसी ने बात नहीं सुनी और आंखों से सामने से ट्रेन चली गई। बाद में इसकी शिकायत स्टेशन अधीक्षक से की गई तो उन्होंने भी सहायता करने से हाथ खड़े कर दिए। हम लोगों के हो हल्ला करने और रेल मंत्रालय को ट्वीट पर शिकायत करने के बाद हमारे टिकट को दूसरे ट्रेन से यात्रा के लिए वैध किया गया। रविवार की सुबह आरपीएफ ने यात्रियों के खाने की व्यवस्था की।

यात्रियों को रविवार दोपहर 2:30 बजे लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस से इटारसी भेजा गया। यहां से वे दूसरी ट्रेन से चेन्नई जाएंगे। कुल 15 घंटे तक यात्री स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर बैठे रहे। महिलाओं और बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी हुई। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने कहा कि रेलवे यात्रियों की सुविधाओं के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। यात्रियों के साथ कैसे यह घटना हुई। इस मामले की जांच की जा रही है।

रेलवे की लापरवाही से शनिवार की रात पीडीडीयू नगर स्टेशन से चेन्नई के 190 यात्रियों में 67 यात्री संघमित्रा एक्सप्रेस में सवार ही नहीं हो पाए। भीड़ की वजह से ट्रेन के कोच का गेट ही नहीं खुला। वे चिल्लाते रहे, अधिकारियों से ट्रेन रोकवाने की गुहार लगाते रहे पर किसी न नहीं सुनी और ट्रेन उनके सामने से गुजर गई।

जो यात्री भीड़ को चीरते हुए किसी तरह ट्रेन में चढ़े उनके बैग और टिकट प्लेटफॉर्म पर ही छूट गए। छूटे यात्रियों को 15 घंटे बाद रविवार को दूसरी ट्रेन से भेजा गया। एक तरफ रेलवे यात्री सुविधाओं को बढ़ाने का दावा कर रही है। दूसरी तरफ ट्रेनों में भीड़ पर नियंत्रण नहीं लगा पा रही है। नौ दिन पहले चेन्नई के तिरूनामलाई जिले के 190 लोगों का दल काशी यात्रा पर आया था। काशी, प्रयागराज और गया भ्रमण के बाद शनिवार  रात बजे संघमित्रा एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में सभी का रिजर्वेशन था। सभी यात्री समय से रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए और ट्रेन का इंतजार करने लगे।

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