मेडिकल कॉलेज में मरीजों से जबरन महंगी दवाएं खरीदवाने का खेल

निजी मेडिकल स्टोर को पहुंचाया जा रहा फायदा

जौनपुर धारा, जौनपुर। स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय (राजकीय मेडिकल कॉलेज), सिद्धिकपुर में मरीजों को महंगी दवाएं खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। आरोप है कि डॉक्टर एवं अस्पताल स्टाफ मरीजों को अस्पताल में उपलब्ध दवाएं न देकर बाहर की नामी मेडिकल एजेंसियों से दवा मंगवा रहे हैं, जिससे अधिक कमीशन प्राप्त किया जा सके।

मरीजों का कहना है कि अस्पताल में आवश्यक दवाएं मौजूद होने के बावजूद चिकित्सक उन्हे निजी मेडिकल स्टोर्स से महंगी दवाएं खरीदने के लिए मजबूर कर रहे हैं। यदि कोई मरीज किसी अन्य मेडिकल स्टोर से सस्ती दवा खरीदता है, तो उसे अनुपयोगी बताकर वापस उसी एजेंसी से दवा लेने के लिए दबाव डाला जाता है, जो उनके द्वारा चिन्हित किया गया है। अब ऐसे में लेागों सस्ता उपचार कैसे मिल सकेगा यह एक बड़ा सवाल है।

बुखार और खांसी की समस्या के चलते मेडिसिन विभाग में दिखाया, लेकिन डॉक्टर द्वारा लिखी गई अधिकतर दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ी।

अंश तिवारी, बक्शा

पेट में पथरी की समस्या के लिए दो महीने से दवा चल रही थी। जब चिकित्सक को दिखाया तो उन्होंने अल्ट्रासाउंड कराने के लिए भेज दिया। अस्पताल में मौजूद स्टाफ ने यह कहकर लौटा दिया कि अल्ट्रासाउंड मशीन खराब है और तीन महीने बाद जांच होगी। बाद में डॉक्टर ने एक निजी डायग्नोस्टिक सेंटर की पर्ची देकर वहां से जांच कराने को कहा।

विशाल यादव, शंभूगंज

पेट दर्द की समस्या को लेकर जनरल सर्जरी विभाग में डॉक्टर से परामर्श लिया, लेकिन अधिकांश दवाएं बाहर से ही खरीदनी पड़ी।

कृष्ण कुमार, शंभूगंज

मरीजों पर बढ़ रहा आर्थिक बोझ

इस तरह की प्रथा से मरीजों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। सरकारी अस्पतालों में जहां मरीजों को मुफ्त या सस्ती दरों पर दवा मिलनी चाहिए, वहीं यहां उन्हें महंगे निजी मेडिकल स्टोर्स पर निर्भर किया जा रहा है।

जिम्मेदारों से कार्रवाई की मांग

मरीजों एवं उनके परिजनों ने इस भ्रष्टाचार की शिकायत प्रशासन से करेंगे। उनकी मांग है कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन इस पर सख्त कार्रवाई करे। साथ ही, मरीजों को आवश्यक दवाएं अस्पताल में ही उपलब्ध कराई जाएं, ताकि उन्हें बाहर से दवा खरीदने की मजबूरी न हो।

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