जौनपुर। विकासखण्ड सिकरारा के ग्रामसभा लाजीपार के निवासी एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन किया था, लेकिन योजना के अंतर्गत आवास न मिलने पर उन्होंने ग्राम प्रधान पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधान ने मेरा नाम सूची से कटवा दिया। आवेदक का कहना है कि उन्होंने समय से ऑनलाइन आवेदन किया था और वह इस योजना के पात्र भी थे। उनका आरोप है कि ग्राम प्रधान की वजह से उनका नाम सूची से हटा दिया गया। जब इस मामले में ग्राम प्रधान से बात की गई तो उन्होंने इन आरोपों को नकारते हुए बताया कि, जब जांच अधिकारी लाभार्थियों के घर निरीक्षण के लिए आए थे, उस समय आवेदक मुंबई में थे। अधिकारियों ने मौके पर आवेदक की अनुपस्थिति में रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को भेज दी। मुख्यमंत्री आवास योजना की चयन प्रक्रिया में ग्राम प्रधान की कोई सीधी भूमिका नहीं होती है। प्रधान ने आगे कहा कि योजना का चयन प्रक्रिया पूरी तरह से सर्वेक्षण और जांच रिपोर्ट पर आधारित होती है, जिसे प्रशासनिक स्तर पर अंतिम रूप दिया जाता है। यह मामला इस ओर इशारा करता है कि पात्र लाभार्थियों को यदि जानकारी के अभाव में या असमय अनुपस्थिति के कारण योजना से वंचित होना पड़े, तो इसकी पारदर्शिता और प्रक्रिया की समीक्षा की आवश्यकता है।
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मुख्यमंत्री आवास न मिलने पर आवेदक ने प्रधान पर लगाया आरोप, प्रधान ने दी सफाई
