- सरकारी भीटा की जमीन पर कब्जा करने का मामला, तथ्यों को छुपाकर प्रधान बनने का आरोप
जौनपुर धारा, केराकत। सरकारी भीटा की भूमि पर कब्जा करने वाला व्यक्ति मुकदमें की प्रक्रिया को छिपाकर प्रधान बन प्रशासन और निर्वाचन प्रक्रिया को खुलती चुनौती दे रहा है। मजे की बात है कि इतना सबकुछ होने के बाद भी अभी तक उस पर कोई कारवाई सुनिश्चित नहीं हो पाई है। मामला केराकत विकासखंड क्षेत्र से जुड़ा हुआ है।
जानकारी के अनुसार केराकत विकासखंड क्षेत्र के थानागद्दी में भीटा खाते की भूमि गाटा संख्या 91/0-575 में थानागद्दी ग्राम सभा के वर्तमान ग्राम प्रधान रमाकांत मौर्य पुत्र बचाऊ मौर्य द्वारा अवैध कब्जा कर मकान निर्माण कर दुकान बना लिया गया है। जिस पर न्यायालय तहसीलदार न्यायिक द्वारा 29 नवंबर को फैसला देते हुए भीटा खाते की भूमि से अतिक्रमण कर्ता वर्तमान प्रधान रमाकांत मौर्य को बेदखल करने का आदेश देते हुए 42750रूपए छतिपूर्ति एवं 500रुपए निष्पादन व्यय का जुर्माना लगाया। बताते चलें की ग्राम प्रधान ने अपने निर्वाचन प्रक्रिया में जहां गलत तथ्यों को छिपाकर चुनाव जीता है वहीं उनके विरुद्ध न्यायालय का फैसला आने के बाद भी प्रशासन उन पर कार्रवाई करने के बजाए चुप्पी साधे हुए मेहरबान बना हुआ नजर आ रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब इनके विरुद्ध भीटा खाते की जमीन पर कब्जा करने का मुकदमा विचाराधीन है। तो फिर आखिरकार किस आधार पर इन्होंने चुनाव लड़ा और इनके निर्वाचन प्रक्रिया में इसे क्यों छुपाया गया? यह न केवल ग्रामीणों में जोरदार चर्चा का विषय बना हुआ है, बल्कि प्रशासनिक भूमिका को भी लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। बहरहाल, अब देखना यह है कि आगे जिला प्रशासन कैसे न्यायालय के फैसले पर अमल करता है। दूसरी ओर इस सम्पूर्ण मामले की लिखित जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता बजरंग बहादुर सिंह द्वारा जिलाधिकारी जौनपुर को देते हुए कार्रवाई की अपील की गई है। देखना यह होगा कि प्रशासन अवगत होने के बाद कार्रवाई सुनिश्चित करता है या मामले को फाईलों में दबाकर चुप्पी साध जाता है।