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Homeउत्तर प्रदेशमिलेट महोत्सव की शुरुआत, लोगों को बताई मोटे अनाज की खासियत

मिलेट महोत्सव की शुरुआत, लोगों को बताई मोटे अनाज की खासियत

रायबरेली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘मिलेट उत्पाद को बढ़ावा’ देने की शृंखला में रविवार को रायबरेली में अंतरराष्ट्रीय मिलेट महोत्सव का आयोजन किया गया. इस मौके पर मिलेट अनाज और उसके उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई. बता दें कि पीएम मोदी की पहल के बाद वर्ष 2023 में संयुक्त राष्ट्र ने पूरी दुनिया में मिलेट अनाज उत्पादन के लिए प्रत्येक देश को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है. इसी कड़ी में भारत भी इस मुहिम में प्रमुख भूमिका निभा रहा है और देश भर में जागरूकता अभियान चल रहे हैं.

इसी उद्देश्य के साथ रायबरेली क्लब में मिलेट महोत्सव का आयोजन किया गया है. इस दौरान बताया गया कि मिलेट वैसे तो अंग्रेज़ी का शब्द है, जो बाजरे के लिए इस्तेमाल होता है. लेकिन वह सभी मोटे अनाज जो छोटे बीज के होते हैं, मिलेट की ही श्रेणी में आते हैं. इसी के तहत सांवा, कोदो, ज्वार, बाजरा व मक्का जैसे अनाज मिलेट अनाज कहलाते हैं. इन मोटे अनाजों को सुपर फूड कहा जाने लगा है. स्वास्थ्य के लिए उत्तम और खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने वाले इन अनाजों के प्रति किसानों के साथ-साथ आम लोगों भी जागरूक होना चाहिए.

कृषि विभाग के साथ किसानों ने किया प्रतिभाग
महोत्वस में कृषि विभाग के साथ ही किसानों ने भी प्रतिभाग किया और मोटे अनाजों की प्रदर्शनी लगाई. समरसता भोज के नाम से मिलेट उत्पादों को परोसा गया. नई पीढ़ी को जागरूक करने साथ-साथ उनको इसे आहार में शामिल करने के लिए जागरूक भी किया गया.

स्वास्थ के लिए अति उपयोगी है मिलेट अनाज
शहर की गृहणी अल्पना मिश्रा ने बताया कि पतले अनाज को लोग ज्यादा महत्व देते हैं, लेकिन मोटा अनाज स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है. वहीं गृहणी ऋतु सिंह ने बताया कि वर्तमान में हम जिस तरह से ज्वार, बाजरा और मक्के को भूलकर अपने दैनिक जीवन में हल्के अनाज का सेवन करते हैं, यह हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहा है. इस नुकसान से बचने के लिए हमारे प्रधानमंत्री ने मोटे अनाज को प्रोत्साहित करने की जो पहल की है, यह बेहद महत्वपूर्ण है.

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