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भूकंप से फिर डोली धरती, नेपाल-भारत सीमा पर महसूस किए गए झटके

भारत-नेपाल सीमा पर भूकंप के झटके महसूस किए हैं. इसकी तीव्रता 5.2 रही है. भूकंप के ये झटके रविवार सुबह महसूस किए गए.ईएमएससी ने कहा, नेपाल-भारत सीमा क्षेत्र में 5.2 तीव्रता का भूकंप आया. यूरोपीय भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने कहा कि रविवार को नेपाल-भारत सीमा क्षेत्र में 5.2 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप 14 किमी (8.7 मील) की गहराई पर था. 

भूकंप की तीव्रता के आधार पर इसे हल्के से मध्यम दर्जे के बीच का झटका माना जा रहा है. इसके कारण किसी तरह की जान-माल से हानि या नुकसान सामने नहीं आया है.

बीते रविवार को दिल्ल-एनसीआर में लगे थे झटके
बता दें कि एक हफ्ते पहले दिल्ली-NCR में रविवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. दिल्ली के साथ ही नोएडा और गाजियाबाद में भी धरती हिली थी. उधर, हरियाणा के कई हिस्सों में भूकंप आया था. इससे पहले 3 अक्टूबर को राजधानी दिल्ली और एनसीआर में भूकंप के झटके लगे थे. भूकंप की तीव्रता इतनी जोरदार थी कि लोग अपने घरों से निकलकर सड़कों पर आ गए थे.

दिल्ली में आया था 3.1 तीव्रता का भूकंप
हालांकि भूकंप में किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं आई थी. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में आए भूकंप की तीव्रता 3.1 थी. भूकंप के झटके शाम 4 बजकर 8 मिनट पर महसूस किए गए थे. भूकंप का केंद्र हरियाणा का फरीदाबाद बताया जा रहा था. रविवार को छुट्टी होने की वजह से लोग अपने घरों में ही थे, लेकिन जैसे ही धरती हिली, लोग बाहर की ओर भागे. इस साल जनवरी से अब तक कई बार भूकंप दर्ज किया जा चुका है. 

क्यों आता है भूकंप
धरती की ऊपरी सतह सात टेक्टोनिक प्लेटों से मिल कर बनी है. जहां भी ये प्लेटें एक दूसरे से टकराती हैं वहां भूकंप का खतरा पैदा हो जाता है. भूकंप तब आता है जब इन प्लेट्स एक दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं, प्लेट्स एक दूसरे से रगड़ खाती हैं, उससे अपार ऊर्जा निकलती है, और उस घर्षण या फ्रिक्शन से ऊपर की धरती डोलने लगती है, कई बार धरती फट तक जाती है, कई बार हफ्तों तो कई बार कई महीनों तक ये ऊर्जा रह-रहकर बाहर निकलती है और भूकंप आते रहते हैं, इन्हें आफ्टरशॉक कहते हैं.

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