जौनपुर। शहर में क्षतिग्रस्त बिजली के खंभों के सहारे व्यवस्था चल रही है। आबादी के मध्य जगह-जगह एचटी लाइनों के तार क्षतिग्रस्त खंभों के सहारे लटक रहे हैं। तेज हवा चलने पर कभी भी पोल टूटकर गिरने से बड़ा हादसा हो सकता है। इसके बावजूद बिजली विभाग ने आंख बंद किए हुए है। इससे लोगों में रोष व्याप्त है। क्षेत्रियों की मानें तो कई शिकायतों के बाद भी न तो तार कसे जा रहे हैं और न ही खंभे बदले जा रहे हैं। ऐसा लगता है कि विभाग के अधिकारी भी किसी हादसे का इंतजार कर रहे हैं।
सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर बिजली व्यवस्था में सुधार की कोशिश कर रही है, वहीं कालीन नगरी में बिजली व्यवस्था की स्थिति यह है कि गांवों में बिजली आपूर्ति बांस बल्ली के सहारे हो रही है। लटकते तारों से भी लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। बिजली के खंभे और तार जर्जर हो चुके हैं। करोड़ों रुपये खर्च के बावजूद जौनपुर के विभिन्न क्षेत्रों में बिजली की दशा में सुधार नहीं हो सका। बिजली के स्थान पर बल्ली व बांस के सहारे जर्जर घटिया तार खींच कर लोग बिजली का उपभोग कर रहे हैं। कुछ ऐसा ही मामला नगर के बीचों-बीच घनी आबादी में देखा जा सकता है। जहां बिजली ट्रांसफॉर्मर के आसपास कई जर्जर केबलों का मकड़ाजाल फैला हुआ है, और कहीं-कहीं तो पोल टूटकर लटके पड़े है और उसी से बिजली आपूर्ति भी हो रही है। जिससे किसी भी समय अनहोनी घटना हो सकती है।
कार के शोरूम के भरोसे रूके पोल पर बिजली आपूर्ति

जौनपुर के सिपाह क्षेत्र में काफी समय पहले टूटे बिजली के पोल एक कार के शोरूम के सहारे रूका हुआ है, वह पोस टूटकर गिरा और शोरूम के साइन बोर्ड में जाकर फंस गया। जिसमें विद्युत आपूर्ति भी संचालित हो रही है। आश्चर्य की बात तो यह है कि उक्त खम्भे के गिरे काफी दिन हो गया लेकिन विभाग की निंद्रा आज तक टूटी। जबकि उसी से चंद की दूरी पर सीबीएसई बोर्ड का स्कूल भी है। जहाँ शहर के आम से खास तक व नामी गिरामी घरों के बच्चें शिक्षा ग्रहण करने आतें है। हालांकि अभी तो स्कूल बन्द है लेकिन गर्मी की छुट्टीयां खत्म होने वाली है और स्कूलें जल्द ही खुलने जा रही है, इससे पहले अगह प्रशासन ने मामले पर ध्यान नहीं दिया तो प्रतिदिन हजारों बच्चों के लिये भी खतरों का सामना करना पड़ सकता है।
टूटकर लटके बल्ली के सहारे बिजली आपूर्ति

विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते नईगंज क्षेत्र के मछलीशहर पड़ाव पर प्रयागराज की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग लटके बल्ली के सहारे विद्युत आपूर्ति हादसे को दावत दे रहे हैं। इसके बावजूद विभागीय प्रशासन इस समस्या के प्रति उदासीन बना हुआ है। सुरक्षा की दृष्टिकोण से मेन तार में जो बल्ली लगाई गई हैं, वह भी टूटकर लटका हुआ हैं। इसके चलते तार ढीले होकर लटक रहे हैं। यही हाल हाइडिल से कुछ ही दुरी पर जफराबाद रोड़ पीली कोठी के पास का है, जहाँ लाइन से दो बिजली के पोल लटके हुए हैं एक तो टूट चुका है और दूसरा कब टूट जाय इसका कोई भरोसा नहीं है। प्रतिदिन सैकड़ों राहगीरों का उक्त मार्ग से आवागमन होता है, कही यह भी किसी दुर्घटना का कारण न बन जाये।
हाईटेंशन केबल के स्थान पर लगा कूड़ों का ढेर

नगर के सिपाह पॉवर हाउस के पीछे हाई टेंशन तार के पास भी कूड़ों का अंबार लगा हुआ है और भारी मात्रा प्लास्टिक कोटेड केबल रखा हुआ है। ऐसा प्रतीत होता है कि उक्त केबल जल गया था और उसके जगह पर दूसरे केबल की शिफ्टींग किया जा चुका है। लेकिन उक्त केबल का स्टोर तक न पहुंच कई अन्य दिशाओं की तरह संकेत दे रहा है। विभाग उक्त स्थान से कचड़ों को हटाकर साफ-सफाई भी करानी चाहिये ताकि शॉर्ट सर्किट से होने वाली समस्याओं से बचा जा सके।
विभागीय उदासीनता के कारण व्यवस्था पटरी के उतरी

एक ओर बिजली विभाग पुराने और जर्जर हो चुके पोल व तार को बदलने का अभियान चला रहा है वहीं जिले में कई ऐसे गांव है जहां आज भी बांस-बल्ली के सहारे बिजली की आपूर्ति हो रही है। बिजली विभाग बिजली आपूर्ति के एवज में बिल की वसूली तो कर रहा है पर सुविधाएं नदारद हैं। ऐसे गांवों में आए दिन लकड़ी के कमजोर खंभे टूटकर गिरते रहते हैं जिससे दुर्घटना के साथ आपूर्ति भी बाधित होती है।