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Homeउत्तर प्रदेशबांके बिहारी मंदिर का कॉरिडोर कैसा होगा ?

बांके बिहारी मंदिर का कॉरिडोर कैसा होगा ?

प्रयागराज: अब बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर का रास्ता साफ हो गया है और जल्द ही काशी विश्वनाथ की तर्ज पर इसका निर्माण होगा. दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को बांके बिहारी मंदिर के गलियारे के निर्माण को सोमवार को हरी झंडी दे दी. इससे पहले राज्य सरकार ने अदालत को मंदिर क्षेत्र को गलियारा के तौर पर विकसित करने की जानकारी दी थी, जिसमें श्रद्धालुओं द्वारा दर्शन पूजन की सुविधा के लिए मंदिर के आसपास करीब पांच एकड़ जमीन खरीद की बात भी शामिल है. सरकार ने आश्वासन दिया है कि गोस्वामी परिवार द्वारा की जाने वाली पूजा -अर्चना या श्रृंगार में वह किसी तरह का कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी और सेवायतों को जो भी अधिकार हैं, वे यथावत बने रहेंगे.

बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर का ब्लूप्रिंट सरकार पहले ही तैयार कर चुकी है और इस कॉरिडोर में कहां-क्या होगा और यह कैसा होगा, इसकी पूरी रूप-रेखा तैयार है. यह कॉरिडोर करीब साढ़े पांच एकड़ क्षेत्र में प्रस्तावित है और बांके बिहारी कॉरिडोर के निर्माण से एक साथ करीब दस हजार लोग अपने ठाकुर जी का दर्शन आसानी से कर सकेंगे. इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद से श्रद्धालुओं को बड़ी राहत मिली है. कॉरिडोर के लिए योजना में यह उल्लेख किया गया कि मंदिर के आसपास पांच एकड़ जमीन पर पार्किंग और अन्य सार्वजनिक सुविधाएं भी मुहैया करायी जाएंगी, जिसका खर्च राज्य सरकारी उठायेगी. प्रस्ताव ऐसा है कि कॉरिडोर से ही बांके बिहारी का मंदिर श्रद्धालुओं को दिख जाएगा. दरअसल, कॉरिडोर का जो प्रस्ताव अब तक सामने आया है, उसके मुताबिक कॉरिडोर का निर्माण दो हिस्सों में होगा और यह दो मंजिला होगा यानी ऊपरी क्षेत्र और निचला क्षेत्र. इस कॉरिडोर का डिजाइन पूरी तरह से तैयार है और इसमें करीब 500 करोड़ रुपए की लागत आएगी. बांके बिहारी कॉरिडोर के दोनों हिस्सों को विद्यापीठ और परिक्रमा मार्ग से जोड़ा जाएगा. प्रस्ताव के मुताबिक, इस कॉरिडोर के लिए करीब 275 से अधिक दुकानों और मकानों का अधिग्रहण किया जाएगा, जिसमें आवासीय और व्यावसायिक भवन भी शामिल हैं.

कैसा होगा प्रस्तावित कॉरिडोर
हिंदी अखबार अमर उजाला की खबर के मुताबिक, बांके बिहारी कॉरिडोर के दो हिस्से होंगे, एक निचला और एक ऊपरी क्षेत्र. कॉरिडोर में निचला हिस्सा ऊपर के हिस्से से बड़ा होगा. प्रस्ताव के मुताबिक, कॉरिडोर का जहां निचला हिस्सा 11 हजार 300 वर्गमीटर का होगा, वहीं ऊपरी क्षेत्र 10 हजार 600 वर्गमीटर का होगा. तो चलिए जानते हैं किस चीज के लिए कितना क्षेत्र होगा.

ऊपरी क्षेत्र में क्या-क्या होगा
प्रतीक्षालय के लिए जगह- 1800 वर्गमीटर
गलियाला- 800 वर्गमीटर
परिक्रमा क्षेत्र- 900 वर्गमीटर
खुला क्षेत्र- 650 वर्गमीटर
सामान घर- 100 वर्गमीटर
शिशु गृह- 30 वर्गमीटर
चिकित्सा- 80 वर्गमीटर
वीआईपी रूम- 250 वर्गमीटर

निचले क्षेत्र में क्या-क्या होगा
खुला क्षेत्र- 518 वर्गमीटर
प्रतीक्षालय- 3500 वर्गमीटर
जूताघर- 250 वर्गमीटर
सामान घर- 100 वर्गमीटर
शिशु गृह- 30 वर्गमीटर
चिकित्सा सेवा- 90 वर्गमीटर
वीआईपी रूम- 80 वर्गमीटर
सामग्री दुकान- 800 वर्गमीटर

इस मसले पर कोर्ट ने क्या-क्या कहा
इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच ने संबद्ध पक्षों को सुनने के बाद कहा कि राज्य सरकार इस अदालत में पेश योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ आगे बढ़े. यह अदालत न्याय हित में इसे उचित और आवश्यक पाती है. हम यह राज्य सरकार पर छोड़ते हैं कि वह योजना क्रियान्वयन के लिए इस क्षेत्र में तकनीकी विशेषज्ञों के साथ परामर्श के बाद जो उचित समझे, वह कदम उठाए. मंदिर परिसर के आसपास अतिक्रमण के मुद्दे पर अदालत ने कहा कि राज्य सरकार मंदिर की तरफ जाने वाले मार्ग पर अतिक्रमण हटाने के लिए भी उचित कदम उठाने को स्वतंत्र है. राज्य सरकार से अपेक्षा है कि योजना लागू करने के बाद वह यह सुनिश्चित करे कि आगे कोई अतिक्रमण न हो. गलियारा निर्माण के दौरान भक्तों को आने वाली समस्या के मुद्दे पर अदालत ने कहा, ‘हम यह स्पष्ट करते हैं कि इस योजना के क्रियान्वयन को छोड़कर किसी भी तरह से दर्शन बाधित नहीं होगा और इस दौरान उचित वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी. जिला प्रशासन को भी उक्त निर्देशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है और किसी भी तरह के उल्लंघन की सूचना इस अदालत को दी जाए.

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