सूडान की राजधानी खार्तूम के एक बाजार में बम फटने से 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. सूडान में लोकतंत्र का समर्थन करने वाले एक एनजीओ ने दावा किया है कि खार्तूम बाजार में बम फटने की वजह से 20 लोगों की मौत हुई है, जबकि कई घायल हुए हैं. एनजीओ जंग के दौरान अधिकारों के उल्लंघन और पीड़ित नागरिकों पर नजर रखता है.
खार्तूम बाजार में बम फटने की घटना सेना और अर्ध-सैनिक बल के बीच अप्रैल में हुई जंग के बाद पहली बार हुई है. सेना के चीफ अब्देल फताह अल-बुरहान और अर्ध-सैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्स के चीफ मोहम्मद हमदान दगालो के बीच मतभेदों के बाद हुई जंग में कम से कम 10 हजार लोग मारे गए हैं. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, सूडान में जंग के बीच 55 लाख लोगों को विस्थापित होना पड़ा था. कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि मरने वालों का आंकड़ा कहीं अधिक था, क्योंकि कई लोग ऐसे थे जो अस्पताल पहुंच नहीं सके और उनकी मौत हो गई. इन मौतों का आंकड़ा दर्ज नहीं किया गया. शनिवार को एएफपी ने एक सूत्र के हवाले से बताया कि खार्तूम के घरों में बम गिरने की वजह से 15 लोगों की मौत हो गई. सूडान अफ्रीका महादेश का सबसे बड़ा देश है. इसकी सीमाएं सात देशों के साथ लगती हैं. साल 2021 में सूडान की सेना और अर्ध सेना के विलय की चर्चा के बाद विवाद पनप उठा. सेना के लोग अर्ध सैनिक बल के लोगों को खतरा मानते हैं. सूडान में नागरिकों और सेना की संयुक्त सरकार चलती है, जिसमें सॉवरेन काउंसिल के तहत देश के फैसले लिए जाते हैं. इस काउंसिल में आर्मी चीफ अब्देल फताह अल-बुरहान नंबर 1 के नेता हैं. जबकि अर्ध-सैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्स के चीफ मोहम्मद हमदान दगालो नंबर दो पर हैं. इस साल अप्रैल 2023 में सेना की तैनाती को लेकर कुछ नए नियम बनाए गए थे, जिसके बाद एक बार फिर से दोनों सेनाओं में तनाव पैदा हो गया और जंग में बदल गया.