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फ्रॉड का मायाजाल, AI के किन खतरों से डर रही दुनिया?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI लगातार चर्चा में हैं. साल 2023 की शुरुआत से ही टेक्नोलॉजी जगत में AI की चर्चा हो रही है. कभी इनकी वजह से होने वाले क्रांतिकारी बदलावों पर तो कभी इनके दुष्परिणाम पर. हाल में अमेरिकी राष्ट्रपति Joe Biden ने AI पर काम कर रही टॉप कंपनियों के CEO से बातचीत की है. गुरुवार को हुई इस बैठक में बाइडेन ने इन कंपनियों से कहा है कि वे ध्यान रखें कि उनके प्रोडक्ट्स सुरक्षित हों. दरअसल, इस बैठक की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि कई दिग्गज लगातार AI के गलत इस्तेमाल को लेकर सतर्क कर रहे हैं. AI के गॉडफादर कहे जाने वाले जेफ्री हिंटन ने भी हाल में इसके मिसयूज को लेकर सावधान किया है. जेफ्री ने कुछ दिनों पहले ही Google से इस्तीफा दिया है. माना जाता है कि उनकी स्टडी से ही AI की शुरुआत हुई है. खैर इसकी वजह से होने वाले नुकसान की अभी सिर्फ कल्पना की जा रही है. वहीं कुछ ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जिसमें सीधे तौर पर AI की वजह से लोगों को नुकसान हुआ है. आइए जानते हैं इनकी डिटेल्स. 

इस मामले को सीधे तौर पर AI से जोड़कर नहीं देखना चाहिए. क्योंकि ये गलती AI की नहीं बल्कि उसे बनाने वाली कंपनी की है, जो खुद Google (Alphabet INC) है. माइक्रोसॉफ्ट से जब ChatGPT पावर्ड Bing सर्च का ऐलान किया, तो गूगल उस रेस में पिछड़ना नहीं चाहता है. कंपनी ने कुछ ही दिनों में BARD का ऐलान किया, जो कंपनी का AI चैटबॉट है.  मगर इसके प्रमोशनल वीडियो में ही एक बड़ी गलती सामने आई, जिसकी वजह से कंपनी के शेयर बुरी तरह से टूट गए. वीडियो में BARD ने जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को लेकर गलत जवाब दिया था. उस वक्त कंपनी को लगभग 100 अरब डॉलर का नुकसान शेयर के टूटने से हुआ था. हाल में ही McAfee ने एक सर्वे किया था. इस सर्वे में सामने आया कि AI वॉयस क्लोनिंग की वजह से बहुत से लोगों ने अपने पैसे गंवाए हैं. इस सर्वे में 7 देशों के 7,054 लोगों ने हिस्सा लिया था. इसमें सामने आया कि 69 फीसदी भारतीय AI जनरेटेड आवाज और सामान्य आवाज में अंतर नहीं कर पाते हैं. इसकी वजह से उन्हें ठगी का सामना भी करना पड़ा है. सोशल मीडिया और इंस्टैंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स के पॉपुलर होने के साथ ही फेक न्यूज एक बड़ी समस्या बनी हुई है. तमाम सरकारें इससे निपटने के लिए कदम उठा रही हैं, लेकिन अभी तक इसे खत्म नहीं किया जा सका है. AI के आने के बाद इसका खतरा बढ़ गया है. दरअसल, कई AI बॉट्स कमाल की तस्वीरें बना सकते हैं. 

Midjourney, स्टेबल डिफ्यूजन और कई दूसरे नाम इस लिस्ट में शामिल हैं. इन बॉट्स की मदद से बनाई गई तस्वीरों को कई लोग सच मान लेते हैं, जबकि ये किसी क्रिएट की कल्पना होती हैं. ऐसे में फेक न्यूज को बड़ी ही आसानी से फैलाया जा सकता है. AI के आने के बाद सबसे ज्यादा जिस खतरे की बात हो रही है, वो है इसका इंसानों से ज्यादा समझदार हो जाना. ऐसी परस्थिति में AI अपने कमांड खुद भी तय कर सकता है. यानी इसे किसी इंसान की जरूरत नहीं होगी, जो इसे बताएगा कि क्या करना है और क्या नहीं. वहीं जेफ्री हिंटन ने भी इसी खतरे से लोगों को चेताया है. उन्होंने कहा था कि अगर किसी रोज कोई बुरा शख्स AI रोबोट्स को अपने गोल सेट करने की आजादी दे देगा, तो क्या होगा. ये रोबोट्स खुद को ज्यादा पॉवरफुल बनाने के सब-गोल्स क्रिएट कर सकते हैं. वहीं कुछ लोगों का मानना है कि किसी दिन AI इंसानों का खात्मा भी कर सकता है, जिससे वह इस दुनिया पर राज कर सके. हालांकि, ये सभी खतरे काल्पनिक हैं. इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स इनका कयास लगा रहे हैं. अगर AI का इस्तेमाल कंट्रोल के साथ किया गया, तो इसके रिजल्ट काफी बेहतर होंगे. मगर हर घटना के दो पहलू होते हैं और AI को लेकर चिंता इसका दूसरा पहलू ही है. हमें कुछ बातों को लेकर सावधान रहना होगा.

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