इजरायल में पिछले कई दिनों से सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा है. ये विरोध प्रदर्शन सरकार की एक विवादास्पद योजना की वजह से हो रहा है. इस योजना के तहत सरकार सुप्रीम कोर्ट की शक्तियों को कम करने पर विचार कर रही है.
देश में चल रहे जबरदस्त विरोध प्रदर्शन के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक कड़ा फैसला लिया. उन्होंने देश के रक्षा प्रमुख योव गैलेंट को अपने पद से बर्खास्त कर दिया. इसके बाद से जामिन नेतन्याहू के घर के बाहर रक्षा प्रमुख के समर्थक हजारों के संख्या में प्रदर्शन किया. इजरायल में विरोध प्रदर्शन का आलम ये है कि 70 हजार लोग सड़कों पर रात भर डटे रहे हैं. वहीं रविवार (26 मार्च) को यरुशलम में नेतन्याहू के आवास के बाहर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के साथ हाथापाई हुई है, जबकि अन्य लोग बर्खास्त मंत्री योव गैलेंट के समर्थन में और नेतन्याहू के खिलाफ तेल अवीव में रक्षा मंत्रालय के पास जमा हुए. वे इजरायली झंडे लहराते हुए सड़कों पर जमा हो गए. इससे यातायात बाधित हो गया. ये तब हुआ, जब प्रधानमंत्री के कार्यालय से बयान आया कि, रक्षा मंत्री को बर्खास्त कर दिया गया है. ऐसा माना जा रहा है कि रक्षा मंत्री ने नेतन्याहू की अवहेलना की और विवादास्पद कानून को लंबे समय तक रोकने का आह्वान किया. नेतन्याहू के विवादास्पद प्रस्ताव ने इजरायली समाज को तेजी से विभाजित कर दिया है. देश को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग कर दिया है. वहीं अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस सहित लंबे समय से सहयोगियों ने एक तर्क दिया है. उन्होंने कहा कि एक पूर्ण स्वतंत्र और मजबूत न्यायपालिका एक कार्यशील लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है. नए प्रस्तावित कानून के तहत नए जजों की नियुक्ति की जिम्मेदारी नेताओं के हाथ में आ जाएगी. यहां तक कि हाई कोर्ट के जस्टिस को भी चुनने का हक नेताओं के पास चला जाएगा.