सनातन धर्म में गंगा सप्तमी का बड़ा महत्व माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, गंगा सप्तमी के दिन विधि-विधान से मां गंगा की पूजा-आराधना करने और गंगा में स्नान करने से मनुष्य के कई जन्मों का पाप धुल जाता है.
हिंदू पंचांग के मुताबिक वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी का पर्व मनाया जाता है. इस साल गंगा सप्तमी का पर्व 27 अप्रैल यानी आज मनाया जा रहा है. ज्योतिष शास्त्र की मानें तो गंगा सप्तमी के दिन विधि-विधान पूर्वक मां गंगा की आरती उतारने के लिए शुभ फल की प्राप्ति के लिए मां गंगा के कुछ मंत्रों का जप करना चाहिए. देवी-देवताओं के मंत्र का जप करने से जीवन में आई समस्त बाधा दूर होती है. उत्तर प्रदेश के अयोध्या के ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं गंगा सप्तमी के दिन गंगा स्नान करना चाहिए. यदि आप किसी कारणवश गंगा स्नान करने में असमर्थ हैं तो स्नान करते समय गंगाजल का छिड़काव करें. इसके अलावा गंगा सप्तमी के दिन मां गंगा की पूजा-आराधना के साथ उनके दिए गए इस मंत्र का जप करें. ऐसा करने से जीवन में आई तमाम कठिनाइयां दूर होती हैं.
इन मंत्रों का करें जप
1- गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
2- नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु।
3- गंगां वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतं।
4- त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु मां।
5- गंगा गंगेति यो ब्रूयात, योजनानां शतैरपि। मुच्यते सर्वपापेभ्यो, विष्णुलोकं स गच्छति॥
6- ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नम:।