पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की हत्या की कोशिश की जांच के लिए गठित संयुक्त जांच दल ने एकमात्र संदिग्ध से पूछताछ शुरू कर दी है. पंजाब के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार (18 नवंबर) को यह जानकारी दी.
पंजाब सरकार ने इस जेआईटी का गठन किया है. पंजाब में इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग कायद-ए-आजम की गठबंधन सरकार है. इमरान खान तीन नवंबर को लाहौर से करीब 150 किलोमीटर दूर पंजाब के वजीराबाद इलाके में एक रैली में हुई गोलीबारी में घायल हो गए थे.
संदिग्ध को 12 दिनों की हिरासत में भेजा गया
गुजरांवाला की आतंकवाद-रोधी एक अदालत (एटीसी) ने खान पर गोलियां चलाने वाले ‘एकमात्र गिरफ्तार संदिग्ध’ मोहम्मद नवीद को बृहस्पतिवार (17 नवंबर) को 12 दिनों के लिए जेआईटी की हिरासत में भेज दिया. अधिकारी ने ने कहा कि लाहौर कैपिटल सिटी पुलिस अधिकारी (सीसीपीओ) गुलाम महमूद डोगर की अध्यक्षता वाली जेआईटी सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर मामले की जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि हालांकि संदिग्ध का दावा है कि उसने अकेले ही हमला किया था, लेकिन जेआईटी ने इसे अस्वीकार करते हुए अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है.
चीमा ने हमले को बताया सुनियोजित
पीटीआई नेता व पंजाब प्रांत के गृहमंत्री उमर सरफराज चीमा ने दावा किया है कि अधिकारियों को इस बात की जानकारी पहले से ही थी कि वजीराबाद में इमरान पर हमला किया जाएगा. चीमा ने कहा कि तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान की जान को खतरा बढ़ चुका है और अब उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है. चीमा ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग के प्रमुख नवाज शरीफ पर देश में धार्मिक नफरत फैलाने का आरोप लगाया. चीमा ने कहा कि वजीराबाद में इमरान खान पर हुआ हमला धार्मिक कट्टरता के कारण नहीं, बल्कि यह एक उनपर किया गया एक सुनियोजित हमला था.
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने एक और हमले की जताई संभावना
इससे पहले इस्लामाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने शुक्रवार (18 नवंबर) को खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इमरान खान पर एक और जानलेवा हमले की संभावना है. इसलिए ये सरकार की जिम्मेदारी है कि वो पूर्व प्रधानमंत्री की जान पर बने खतरे का संज्ञान लें. चीफ जस्टिस आमिर फारूक ने यह कमेंट तब की, जब वह पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के लॉन्ग मार्च के खिलाफ व्यापारियों की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहे थे.