नमाज़-ए-तरावीह में कुरान मुकम्मल होने पर विशेष दुआ का आयोजन

जौनपुर धारा, शाहगंज। स्थानीय क्षेत्र के बड़ागांव स्थित जुमा मस्जिद में रविवार को नमाज़-ए-तरावीह में कुरान मुकम्मल होने पर इस्तेमाइ दुआएं की गईं। इस मौके पर मुल्क की तरक्की, अमन-चैन और भाईचारे के लिए मस्जिद के पेश इमाम मुफ्ती अजीज़ुल हसन ने दुआ कराई। इस दौरान मस्जिद में भारी संख्या में अकीदतमंद उपस्थित रहे और अल्लाह से रहमत और बरकत की फरियाद किया। इस मौके पर पेश इमाम मुफ्ती अजीज़ुल हसन ने रमजान की अहमियत पर रौशनी डालते हुए कहा कि यह अल्लाह की तरफ से मुसलमानों के लिए एक खास उपहार है। उन्होंने कहा कि रमजान सिर्फ भूखे-प्यासे रहने का नाम नहीं, बल्कि यह खुद को हर तरह की बुराइयों और गुनाहों से बचाने का महीना भी है। इस पवित्र महीने में इंसान को अपने एखलाक को बेहतर बनाना चाहिए और सभी को मोहब्बत, भाईचारे, सौहार्द का पैगाम देना चाहिए। मुफ्ती अजीज़ुल हसन ने कहा कि बेहद खुशनसीब हैं वे माता-पिता जिनके बच्चे कुरान पाक को अपने सीने में महफूज कर लेते हैं। उन्होंने बताया कि हाफिज-ए-कुरान का मर्तबा जन्नत में बहुत ऊंचा होगा। उन्होंने रोजेदारों को इस मुकद्दस महीने की अहमियत को समझने और इसमें ज्यादा से ज्यादा इबादत करने की नसीहत दी। जुमा मस्जिद में आयोजित इस खास मौके पर तरावीह की नमाज़ हाफिज अबुज़ैद की इमामत में अदा कराई गई। तरावीह के दौरान मस्जिद में अकीदतमंदों की बड़ी तादाद उमड़ी, जिन्होंने अल्लाह की रहमत और मगफिरत की दुआ की। इस मौके पर अमीन अंसारी, नेसार कुरैशी, मैनुद्दीन सिद्दीकी, फरहान कुरैशी, मोहम्मद खालिद, अलाउद्दीन, मोहम्मद सलीम, हाफिज मोहम्मद इरफान, पैगाम सिद्दीकी, मोहम्मद साबिर, मेराज हाशमी, कैश कुरैशी, जान मोहम्मद, मोहम्मद सलाम बिहारी, समेत गणमान्य लोग व स्थानीय अकीदतमंद मौजूद रहे। रमजान सिर्फ इबादत और रोजे का महीना ही नहीं, बल्कि यह आपसी भाईचारे, इंसानियत और समाज में अच्छाइयों को बढ़ावा देने का भी संदेश देता है। इस मौके पर मौजूद तमाम अकीदतमंदों ने यह संकल्प लिया कि वे रमजान के पाक संदेश को अपनी जिंदगी में उतारेंगे और समाज में मोहब्बत और सौहार्द का माहौल बनाएंगे।

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