वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल 2023 से पहले टीम इंडिया के लिए अच्छी खबर सामने आई है. BCCI अपने कोविड-19 नियमों में बदवाल कर सकती है. बीसीसीआई की मौजूदा कोविड-19 पॉलिसी के मुताबिक, संक्रमित होने के बाद खिलाड़ी को 5 दिन आइसोलेशन में गुज़ारने होते हैं. लेकिन BCCI की ओर से ICC की तर्ज पर इस नियम में बदलाव किया जाना लगभग तय माना जा रहा है. आईसीसी की तरह बीसीसीआई भी कोविड पॉज़िटिव होने के बावाजूद भी खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति दे सकेगी.
आईसीसी ने कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान अपना रुख बदला था और कोविड पॉज़िटिव होने के बाद भी खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति दी थी. वहीं मौजूदा IPL 2023 की बात की जाए तो बीसीसीआई की नीति के मुताबिक संक्रमित खिलाड़ी को खुद को 7 दिनों तक आईसोलेट करना होगा. इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए आखिरी टेस्ट में कप्तान रोहित शर्मा कोविड के चलते टीम का हिस्सा नहीं बन पाए थे. अब बिना लक्षण वाले संक्रमित खिलाड़ी मैदान पर खेल सकेंगे, बीसीसीआई की ओर से नीति में बदलाव तय माना जा रहा है. बीसीसीआई के एक अधिकारी ने ‘इंसाइडस्पोर्ट्स’ से बात करते हुए बताया, “हम चर्चा कर रहे हैं कि क्या हमें वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के लिए कोविड नीति को बदलना चाहिए और इस पर आईसीसी के दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए. हमारे पास आईपीएल 2023 के लिए पुरानी कोविड नीति है ताकि प्रकोप के मामले में संक्रमण के जोखिम को कम किया जा सके. लेकिन सभी खिलाड़ी और अधिकारी बूस्टर डोज़ के साथ वैक्सिनेटेड हैं. इसलिए, इससे दिक्कत नहीं होनी चाहिए. ऑस्ट्रेलिया में खेले गए टी20 वर्ल्ड कप 2022 में आईसीसी ने सभी ज़रूरी जैव सुरक्षा प्रोटोकॉल को हटाते हुए कहा था कि टीम के डॉक्टर इस पर ज़रूरी कदम उठाएंगे. डॉक्टर्स तय करेंगे कि अगर टीम का खिलाड़ी खेलने लायक है तो मैदान पर उतरेगा, अगर नहीं तो उसे खुद को आइसोलेट करना होगा. बीसीसीआई की मौजूदा कोविड नीतियों के हिसाब से खिलाड़ियों को खुद को पांच दिनों तक आईसोलेट करना होगा. इसके बाद फील्ड पर वापसी करने के लिए खिलाड़ी को कार्डियो वैस्कुलर टेस्ट से भी गुज़रना होता है.