हम सभी जानते हैं कि जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे हमारे शरीर में बदलाव आता है. हम चाहकर भी इन बदलावों को रोक नहीं सकते लेकिन कई लोग उम्र बढ़ने के बाद भी काफी जवान और फिट दिखते हैं जिसकी वजह उनका खुद पर ध्यान देना और अच्छी लाइफस्टाइल है. अगर आप भी 50-55 की उम्र में हैं या उसे पार कर चुके हैं तो आपको आज से ही अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव कर लेना चाहिए. इसके साथ ही बढ़ती उम्र के लिए मुश्किल पैदा करने वाली उन आदतों को भी छोड़ देना चाहिए जो आप अभी तक फॉलो कर रहे थे क्योंकि ये उम्र बढ़ने के साथ आपको तकलीफ पहुंचा सकती हैं. यहां हम आपको उन सात आदतों के बारे में बताएंगे जिन्हें अगर आपने आज से ही बदल लिया तो उम्र आपके लिए महज एक नंबर रह जाएगी.
50 के बाद की उम्र के लोगों के लिए सबसे जरूरी चीज है कि वो शराब का सेवन कम से कम कर दें. भोजन की तुलना में शराब का पचने का तरीका ज्यादा जटिल होता है और ये शरीर में विसरल फैट (लीवर समेत शरीर के अंदरूनी अंगों पर जमा होने वाला फैट) को बढ़ाता है. उम्र बढ़ने के साथ विसरल फैट कैंसर, हाई कोलेस्ट्रॉल, स्ट्रोक, हृदय रोग और डायबिटीज जैसी घातक बीमारियों का कारण बनता है. अच्छी बात ये है कि इस फैट को आप अपने खानपान में सुधार कर कम कर सकते हैं और एक लंबी और स्वस्थ जिंदगी जी सकते हैं.
हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि 50 से अधिक उम्र के लोगों को तेज संगीत सुनना और तेज आवाज के संपर्क में आना भी बंद कर देना चाहिए. 85 डेसिबल (डीबी) से अधिक तेज आवाज में रहने से आपकी सुनने की क्षमता प्रभावित होती है. ये समस्या कई बार काफी समय बाद होती है तो कई बार तुरंत भी हो सकती है. अगर आपके घर के आसपास अक्सर तेज शोर होता है तो इयरप्लग या कानों की सुरक्षा के लिए अन्य तरीके जरूर इस्तेमाल करें.
50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को हर एक चीज के लिए ‘हां’ कहना बंद कर देना चाहिए और ‘न’ कहने की आदत डालनी चाहिए. उदाहरण के लिए अगर आपके आसपास के लोग हर रोज आपको किसी ना किसी काम में उलझाते हैं तो आप उन्हें ‘न’ बोलिए और अपने समय को बचाकर उसे अपनी हेल्थ में लगाइए. बचे हुए समय में दोस्तों के साथ मेल-जोल बढ़ाएं या फिर ध्यान और योग करें. मेडिटेशन से शरीर और दिमाग की कई परेशानियों को दूर करने में मदद मिलती है.
उम्र बढ़ने के साथ अगर आप स्वस्थ और खुश रहना चाहते हैं तो आपको अपने आसपास के लोगों के साथ हेल्दी रिलेशनशिप बनाकर रखना होगा. इमोशनल सपोर्ट डाइट, एक्सरसाइज की तरह ही व्यक्ति को हेल्दी रखने में मदद करता है. अच्छे संबंध डिप्रेशन को दूर करने में मदद करते हैं जो अकेले रहने वाले लोगों को बहुत जल्दी घेरता है. पालतू जानवरों जैसे कुत्ते या बिल्ली के साथ भी आपको अच्छा महसूस हो सकता है.
उम्र के इस पड़ाव तक पहुंचने के बाद आपको ये मान लेना होगा कि अब आप स्कवॉट्स, केटलबेल, जंपिंग जैक्स जैसे हाई इंटेन्सिटी वाले वर्कआउट नहीं कर सकते. अगर आप अभी तक ये करते आ रहे थे तो इन्हें तुरंत छोड़ दीजिए. अपनी उम्र के मुताबिक जीवनशैली में बदलाव करना बेहद जरूरी है.
दुनिया में हर इंसान जवान रहना चाहता है लेकिन ये मुमकिन नहीं है. आप कुछ तरीकों से जवान दिख सकते हैं लेकिन अपनी उम्र को बढ़ने से रोक नहीं सकते. इसलिए टीवी पर जवान और सुंदर बनाने का दावा करने वाले प्रोडकट्स और प्लास्कि सर्जरी से दूर रहें. इसकी जगह पोषक खाद्य पदार्थ और फिटनेस पर ध्यान देकर आप एक स्वस्थ जिंदगी जी सकते हैं.
उम्र बढ़ने के साथ हर व्यक्ति को ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या होती है. अगर आपको 55 या 60 की उम्र के बाद हड्डियों में दर्द नहीं हो रहा तो इसका मतलब ये नहीं कि आपको ऑस्टियोपोरोसिस नहीं है. कई लोग ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोआर्थराइटिस में कनफ्यूज रहते हैं. असल में ऑस्टियोपोरोसिस में हड्डियों की डेंसिटी कम होने लगती है और ये धीमे-धीमे बढ़ती है. इसमें दर्द नहीं होता और इसका पता तब तक नहीं चलता जब तक फ्रैक्चर न हो.
वहीं, ऑस्टियोआर्थराइटिस हड्डियों के जोड़ों को प्रभावित करती है और इसमें पीड़ित व्यक्ति को काफी दर्द होता है. ऑस्टियोआर्थराइटिस और ऑस्टियोपोरोसिस का आपस में कोई संबंध नहीं हैं. ये दोनों बीमारियां एक व्यक्ति को एक-साथ हो सकती हैं. हालांकि रोजाना कसरत ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित मरीजों को काफी राहत दे सकती है.