- 400 करोड़ के लागत से सुधारना था बिजली व्यवस्था
- शिकायत पर जेई के बिगड़े बोल : एक्सिएन के पास शिकायत करने की दी सलाह
जौनपुर धारा, जौनपुर। शहर की बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिये करोड़ों रूपये खर्च कर किये जा रहें है। लेकिन वह खर्च किस क्षेत्र में हो रहा है यह पता नहीं चल पा रहा है। बावजूद इसके व्यवस्था मे सुधार नही दिख रहा है। वैसे तो पूरे साल बिजली की आंख मिचौली जारी रहती है, लेकिन गर्मी के दिनों में बिजली व्यवस्थाओं की पोल खुल जाती है।

वितरण विभाग मेंटनेंस के नाम से करोड़ों रूपये खर्च कर रहा है लेकिन बिजली व्यवस्था पटरी पर नहीं आ रही है। जिले की बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए वितरण विभाग द्वारा 400 करोड़ की लागत से नगर में खम्बा, जर्जर तार, ट्रांसफार्मर की क्षमता में वृद्धि सहित आदि व्यवस्थाओं को पटरी पर लागे की कवायद लगभग महिना भर पूर्व से प्रारम्भ कर दिया गया है। लेकिन यह रूपये कहाँ खर्च किये जा रहें हैं इसका पता शायद विभाग को भी नहीं है। क्योकिं शहर के अधिकांश खम्बे आज भी वेल्डिंग के सहारे चल रहें है। जर्जर तारें मार्ग पर लटकतें जा रहें है। खम्बों के शििंफ्टग के कार्य अभी भी अधूरे पड़ें हैं। वहीं विभागीय दावों में आधे से ज्यादा काम पूरा हो गया है। लेकिन शहर वासियों को व्यवस्था में बहुत ज्यादा सुधार नजर नही आ रहा है। अभी ठण्ड का मौसम है इसलिये बेपटरी व्यवस्थाओं ज्यादा एहसास नहीं हो रहा है लेकिन आने वाले अप्रैल माह से ही फिर विभागीय अधिकारी हांफना शुरू कर देंगे।
जिसका खामियाजा क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ेगा। आज देखा जा सकता है कि नगर क्षेत्र के हम मार्ग पर खम्बों को वेल्डिंग के सहारे पर टिकाया गया है, अन्दर ग्राउण्ड के सभी सप्लाई बॉक्स तितर-बितर व जर्जर हाल में अपनी हालत पर आंसू बहा रहें हैं। विभागीय लापरवाही से कहीं ट्रांसफार्मर में आग लग जा रहा है तो कहीं सड़कों पर लाइन चालू सप्लाई तार सड़कों पर लटककर नये हादसे का इन्तजार कर रहें हैं। सिपाह पॉवर हाऊस के अचला देवी घाट रोड़ पर कई दिनों से पोल के तार बीच सड़क पर लटक रहें हैं जिसका विभाग सुधि नहीं ले रहा है। क्षेत्रिय लोगों ने इसकी सूचना सिपाह पॉवर हाऊस पर तैनात अवर अभियंता से की तो उनके बिगड़े बोल सुनने को मिले। उन्होने साफ तौर पर कहा कि इसकी शिकायत अधिशासी अभियंता से करिये जब वहाँ से आदेश आयेगा तो कार्य किया जायेगा। नगर का यह पॉवर हाउस विगत महिनों के अवर अभियंता के कारण चर्चाओं में है। आये दिन इनकी शिकायत उपभोक्ताओं के माध्यम से मिलती रहती है लेकिन विभाग के आलाधिकारियों की उदासीनता और जेई के ऐसे व्यवहार से विभाग की छवि धूमिल हो रही है। हांलाकि विभाग के आलाकमाल लगातार एक्शन मोड़ में और उपभोक्ताओं से मिली शिकायत व जाँच के आधार पर निलम्बन की प्रक्रिया जारी है। ऐसे में जिले की बिजली व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये शासन को जौनपुर की तरफ और भी सख्त होना पड़ेगा क्योंकि यहां के उच्चाधिकारी गलतियों पर पर्दा डालते हुए बचाव में लगे रहतें है। मामला बढ़ने पर एकाक नोटिस जारी कर मामला ठण्डे बस्ते में डाल दिया जाता है।