नई दिल्ली। कोविड महामारी की नई लहर की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने एक जनवरी से चीन समेत इन देशों से आने वाले यात्रियों के लिए RT-PCR टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चीन, हांगकांग, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और थाईलैंड से भारत आने वाले यात्रियों को एक जनवरी से निगेटिव कोविड टेस्ट रिपोर्ट देना जरूरी होगा। मंडाविया ने कहा कि इन जगहों से आने वाले यात्रियों को फ्लाइट पकड़ने से पहले एयर सुविधा पोर्टल पर आरटी-पीसीआर टेस्ट की निगेटिव कोविड रिपोर्ट अपलोड करनी होगी। उन्होंने कहा कि यात्रा के 72 घंटों के भीतर कोविड टेस्ट कराना होगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अभी भारत आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए एयरपोर्ट पर रैंडम टेस्टिंग जरूरी की गई है, लेकिन यात्रियों के फ्लाइट पकड़ने से पहले ही आरटी-पीसीआर रिपोर्ट जमा कराने की जरूरत है। गौरतलब है कि भारत सरकार ने कुछ देशों में कोरोना वायरस के मामलों में उछाल के बाद अलर्ट जारी किया है और कोविड दिशा-निर्देशों को सख्त कर दिया है, साथ ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 268 नए मामले
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के गुरुवार को जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, 24 घंटों में भारत में कोरोना संक्रमण के 268 नए मामले दर्ज किए गए, जिसके बाद सक्रिय मामले बढ़कर 3,552 हो गए। मंत्रालय ने कहा कि देश में कोरोना की दैनिक संक्रमण दर 0.11 प्रतिशत दर्ज की गई। लड़की से संबंध बनाए तो फंसे: रईसजादों को फोन कर लड़कियों से मिलवाते, फिर अश्लील
हरकतों को कैमरे में करते कैद
रामपुर में हनी ट्रैप में फंसाकर रईसजादों को ब्लैकमेल करने वाले गैंग का खुलासा करते हुए पुलिस ने दो महिलाओं सहित पांच जनवरी में बढ़ सकते हैं कोविड के मामले स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि भारत के लिए अगले 40 दिन महत्वपूर्ण होने वाले हैं, क्योंकि जनवरी में कोविड के मामलों में उछाल देखने को मिल सकता है। एक अधिकारी ने कहा कि यह प्रवृत्ति रही है कि पूर्वी एशिया में दस्तक देने के लगभग 30-35 दिनों के बाद कोविड महामारी की नई लहर भारत में आती है। सूत्रों का कहना है कि अगर कोविड महामारी की नई लहर आती भी है, तो मृत्यु और अस्पताल में भर्ती होने की दर बहुत कम होगी।