लखनऊ: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने देश के तीसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया है. यह एक ऐतिहासिक क्षण था, जिसने भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि दिलाई है.
इस ऐतिहासिक अवसर पर लखनऊ की 74वर्षीय लता बाजपेयी ने वैज्ञानिकों और पूरे देश को बधाई देने के लिए संगीत का साज छेड़ा. उन्होंने सितार पर राष्ट्रगान की धुन बजाई और इस उपलब्धि की खुशी को सबके साथ साझा किया. लता बाजपेयी का कहना है कि यह देश के लिए गर्व की बात है. दरअसल, चंद्रयान-3 में एक स्वदेशी लैंडर मॉड्यूल (एलएम), प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) और एक रोवर शामिल है, जिसका उद्देश्य अंतर ग्रहीय मिशनों के लिए आवश्यक नई प्रौद्योगिकियों को विकसित करना और प्रदर्शित करना है. लैंडर में एक निर्दिष्ट चंद्र स्थल पर सॉफ्ट लैंडिंग करने और रोवर को तैनात करने की क्षमता होगी, जो अपनी गतिशीलता के दौरान चंद्र सतह का इन-सीटू रासायनिक विश्लेषण करेगा. वहीं चंद्रयान-3 का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और नरम लैंडिंग का प्रदर्शन करना है. रोवर को चंद्रमा पर घूमते हुए प्रदर्शित करना और यथास्थान वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन करना है.
‘यह एक ऐतिहासिक क्षण’
इतना ही नहीं इस सफल प्रक्षेपण के बारे में वाजपेयी ने कहा, “यह एक ऐतिहासिक क्षण है और हमें इस पर गर्व है. हमारे वैज्ञानिकों ने अपार संघर्ष और समर्पण के साथ सफलतापूर्वक प्रक्षेपण पूरा किया है. उन्होंने अपने सितार के माध्यम से राष्ट्रगान की धुन बजाकर इस उपलब्धि को और भी खास बना दिया है.