गुजरात में सियासी लड़ाई अपने चरम पर है. कांग्रेस और बीजेपी के दो नेताओं ने इसे और ज्यादा दिलचस्प बना दिया है. नेता खास इसलिए हैं क्योंकि इनका सीधा ताल्लुक भारतीय क्रिकेटर रविंद्र जडेजा से है. एक तरफ हैं इनकी पत्नी रिवाबा जडेजा तो दूसरी तरफ बहन नैना जडेजा. राजनीति की पिच है जामनगर की उत्तर सीट. इसी सीट से बीजेपी ने जडेजा की पत्नी रिवाबा को टिकट दिया है. दूसरी तरफ अब कांग्रेस की नैना यानी उनकी ननद उनका खुलकर विरोध कर रही हैं. उनके ताजा बयानों से यह साफ हो गया है कि ननद-भाभी राजनीति के इस खेल में एक दूसरे के आमने-सामने हैं.
कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस इस सीट से नैना को मैदान में उतारेगी लेकिन, कांग्रेस ने इस सीट से स्थानीय व्यवसायी दीपेंद्र सिंह जडेजा को उम्मीदवार बनाया है. हालांकि, मुकाबला अभी भी दिलचस्प इसलिए है क्योंकि ननद ही यहां भाभी का कड़ा विरोध कर रही है और उनकी हार के लिए जोरो-शोरों से प्रचार में जुट गई हैं. नैना जडेजा का कहना है कि उनकी भाभी रिवाबा को उम्मीदवारी देकर बीजेपी ने गलती की है, रिवाबा सेलेब्रिटी हो सकती हैं, लेकिन उन्हें अनुभव नहीं है इसलिए बीजेपी की हार होगी. चलिए आपको बताते हैं राजनीति की पिच में कौन किससे आगे है. रविंद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा की बात करें तो इन्हें बीजेपी से जुड़े अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है. तीन साल पहले ही इन्होंने बीजेपी का दामन थामा था. हालांकि, इससे पहले वह सामाजिक गतिविधियों से जुड़ी रही हैं. साथ ही वह करणी सेना में भी रह चुकी हैं. बीजेपी में शामिल होने के बाद से ही रिवाबा काफी एक्टिव रहती हैं. यही कारण है कि महज तीन सालों में उन्हें बीजेपी ने जामनगर की सीट से टिकट दिया है. वह बीजेपी की एक सक्रिय कार्यकर्ता हैं. रिवाबा जडेजा की बात करें तो वह मूल रूप से राजकोट की रहने वाली हैं. उनके पिता शहर के जाने माने बिजनेसमैन हैं. रिवाबा ने राजकोट के आत्मिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस से मैकनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है.
रिवाबा को टिकट मिलते ही उनकी ननद नैना इसका खुलकर विरोध करती हुई नजर आने लगी हैं. वह अपनी भाभी के खिलाफ खड़े हुए दीपेंद्र सिंह जडेजा के समर्थन में जमकर वोट मांग रही हैं. नैना को भी कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए ज्यादा समय नहीं हुआ है. रिवाबा के बीजेपी में शामिल होने के कुछ ही समय बाद उन्होंने कांग्रेस से नाता जोड़ लिया था. कांग्रेस से जुड़ने के बाद से ही उनकी यहां लोगों में काफी अच्छी पकड़ बताई जाती है. यही कारण है कि वह इतने कम समय में जामनगर कांग्रेस महिला मोर्चा की अध्यक्ष भी हैं.