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खालिस्तान समर्थक परेड में इंदिरा गांधी की हत्या का सीन, कनाडा पुलिस बोली

कनाडा के ब्रैंपटन शहर में एक परेड निकाली गई थी, जिसमें भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का सीन दिखाया गया था. भारत सरकार ने इस झांकी पर सख्त आपत्ति जताई थी और कनाडा को कड़ा संदेश दिया था कि अलगाववादियों को बढ़ावा देना उसके लिए ठीक नहीं होगा. भारत में मौजूद कनाडा के उच्चायुक्त ने भी इसकी निंदा करते हुए कहा था कि कनाडा में नफरत के लिए जगह नहीं है, लेकिन हाथी के दिखाने के दांत कुछ और खाने के दांत कुछ और वाली कहावत कनाडा पर चरितार्थ होती है, क्योंकि कनाडा की पुलिस कह रही है कि यह हेट क्राइम नहीं है.

भारत की सख्त आपत्ति के बाद जब कनाडा पर दबाव पड़ा तो ब्रैंपटन शहर के मेयर पैट्रिक सफाई देने के लिए सामने आए. उन्होंने इस घटना को लेकर बयान जारी दिया लेकिन इससे ये भी साफ हो गया कि कनाडा की मंशा अलगाववादियों को रोकने की कतई नहीं है. घटना पर किसी तरह की कार्रवाई करना तो दूर, ब्रैंपटन पुलिस को इसमें कुछ गलत ही नहीं लगता. एक रिपोर्ट के अनुसार, मेयर ब्राउन ने बयान में कहा, “पुलिस ने वीडियो की जांच की है और उनका मानना है कि ये हेट क्राइम का मामला नहीं बनता है. बयान में आगे इशारा किया गया है कि कनाडा का संविधान लोगों को विचार, विश्वास और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है. बयान में कहा गया है कि “संविधान में कोई भी बदलाव संघीय स्तर पर किया जा सकता है. पुलिस केवल कानून को लागू करती है, उसने इसे लिखा नहीं है. ऑपरेशन ब्लू स्टार के 39वीं बरसी से पहले 4 जून को कनाडा के ब्रैंपटन में खालिस्तान समर्थकों ने एक परेड निकाली थी. 5 किलोमीटर लंबी परेड में मौजूद एक झांकी में इंदिरा गांधी की हत्या का दृश्य दिखाया गया था. इसका वीडियो कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने शेयर किया था जिसमें इंदिरा गांधी के पुतले को खून से सनी साड़ी पहने खड़ा किया गया. इसके सामने दो शख्स बंदूक ताने खड़े थे. पीछे लिखा था- बदला. वीडियो सामने आने के बाद भारत ने कनाडा को जमकर लताड़ लगाई. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, मुझे लगता है कि ये मुद्दा कनाडा की जमीन के इस्तेमाल का है, जो अलगाववादियों, चरमपंथियों और हिंसा की वकालत करने वाले लोगों को दिया जाता है. जयशंकर ने कहा कि मुझे लगता है कि ये दोनों देशों के संबंधों के लिए सही नहीं है और न ही ये कनाडा के लिए ही ठीक है. भारत ने कट्टरपंथियों के खुलेआम कारनामे पर कनाडा को लताड़ लगाई तो बात संभालने कनाडा के उच्चायुक्त कैमरन मैके सामने आए. मैके ने ट्वीट कर लिखा, मैं कनाडा में एक कार्यक्रम को लेकर आ रही रिपोर्टों से स्तब्ध हूं, जिसमें भारत की दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को दिखाया गया. नफरत या हिंसा के महिमामंडन के लिए कनाडा में कोई जगह नहीं है. मैं स्पष्ट रूप से इस तरह की गतिविधियों की निंदा करता हूं. कनाडा के उच्चायुक्त ने निंदा करके अपने काम से इतिश्री कर ली लेकिन उधर कनाडा की पुलिस ने ऐसा करने वालों को साफ छोड़ दिया. कार्रवाई तो दूर, इसकी निंदा तक नहीं की, उल्टा पुलिस ने तो सीधा कह दिया कि इसमें हमें नफरत जैसा कुछ लगता ही नहीं है.

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