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केंद्र सरकार ने जारी किया डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल का ड्राफ्ट

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल का ड्राफ्ट जारी किया. बिल में डेटा से जुड़े किसी भी उल्लंघन पर सरकार को भी जवाबदेह ठहराया जाएगा. इसे पब्लिक कमेंट के लिए ओपन रखा गया है. इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी मिनिस्ट्री की ओर जारी किए गए इस ड्राफ्ट में डेटा में सेंध लगाने या नियमों का पालन नहीं करने पर जुर्माने का प्रावधान बढ़ाया गया है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बिल सिर्फ डिजिटल आंकड़ों से जुड़े पहलुओं पर विचार करेगा, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय को डिजिटल और साइबर क्षेत्र के खतरों से निपटना है.

डेटा का उल्लंघन के मामले में सरकार को भी छूट नहीं

आधिकारिक सूत्र ने कहा, “बिल मुख्य रूप से उन संस्थाओं को जवाबदेह बनाने के लिए है, जो आंकड़ों का मॉनिटाइजेशन कर रही हैं. डेटा के उल्लंघन के मामले में सरकार को भी छूट नहीं है.” सरकार ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2022 के प्रस्तावित ड्राफ्ट के तहत नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माने की राशि बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये तक कर दी है. बिल के ड्राफ्ट में सरकार की तरफ से पर्सनल डेटा की प्रॉसेसिंग के तरीके और उद्देश्य तय करने वाली इकाइयों के रूप में नोटिफाई कुछ संस्थाओं को कई अनुपालनों से छूट भी दी गई है.

500 करोड़ का जुर्माना

ड्राफ्ट बिल में ऐसे कई प्रावधान किए गए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि डेटा प्रॉसेसिंग करने वाली संस्थाएं व्यक्तियों की स्पष्ट सहमति से ही डेटा जमा करें. साथ ही डेटा का उपयोग सिर्फ उसी मकसद के लिए किया जाएगा, जिसके लिए उसे जमा किया गया है. अगर ये यूनिट या उसकी ओर से डेटा का प्रॉसेसिंग करने वाली संस्थाएं बिल के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करती हैं, तो ड्राफ्ट में 500 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रस्ताव किया गया है.

डेटा को बदलने और रखने की अनुमति दी जाएगी

आधिकारिक सूत्रों ने कहा, “सूचना के अधिकार कानून के तहत बड़ी संख्या में ऐसे आवेदन आए हैं, जो अनावश्यक हैं. इससे सरकारी विभागों पर बोझ बढ़ गया है. इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार की तरफ से नोटिफाई संस्थाओं को आरटीआई खंड से छूट दी गई है. आपसी समझौते और भरोसे के आधार पर दूसरे देशों में डेटा को बदलने और रखने की अनुमति दी जाएगी.

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