गुजरात के 182 सीटों के लिए हुए चुनाव के नतीजे अब से कुछ घंटों बाद जारी होगा. 27 साल से सत्ता में काबिज बीजेपी फिर से जीत का दावा कर रही है तो वहीं कांग्रेस भी सत्ता में वापसी की बात कह रही है. चुनाव से ऐन पहले एंट्री मारने वाली AAP को भी बेहतर परिणाम की उम्मीद है. राजनीतिक दलों के रस्साकशी में 3 दिग्गजों का राजनीतिक भविष्य भी चुनाव परिणाम पर ही टिका है. इनमें राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, राजस्थान के CM अशोक गहलोत और युवा नेता हार्दिक पटेल का नाम शामिल है.
1. भूपेंद्र भाई पटेल- वर्तमान में गुजरात के CM हैं. विजय रुपाणी के हटाने के बाद इसी साल पटेल को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी गई थी. PM मोदी और अमित शाह के बाद गुजरात में तीसरा बड़ा चेहरा माने जा रहे हैं.
भविष्य खतरे में क्यों?
एक सभा के दौरान अमित शाह ने कहा था- अगर बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलता है तो भूपेंद्र भाई मुख्यमंत्री बनेंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार को अगर बहुमत नहीं आती है, तो भूपेंद्र की कुर्सी जा सकती है. हालांकि एक्जिट पोल के आंकड़े भूपेंद्र पटेल के लिए राहत भरे हैं.
2. अशोक गहलोत- राजस्थान के मुख्यमंत्री हैं. कांग्रेस ने गुजरात चुनाव के लिए इनको सीनियर ऑब्जर्वर बनाया है. चुनाव की पूरी जिम्मेदारी गहलोत पर ही है. गहलोत ने गुजरात जीतने के लिए 15 से ज्यादा अपने मंत्रियों को मैदान में उतार रखा है.
पॉलिटिकल फ्यूचर पर संकट क्यों?
जयपुर में 25 सितंबर को हुए घटनाक्रम के बाद से ही गहलोत की कुर्सी खतरे में हैं. सचिन पायलट खेमा लगातार उन पर हमलावर है और मुख्यमंत्री बदलने की मांग कर रहे हैं. गुजरात चुनाव की वजह से कांग्रेस हाईकमान ने चुप्पी साध रखी है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक चुनाव परिणाम के बाद राजस्थान पर फैसला हो सकता है. पार्टी ने मंगलवार को सुखजिंदर रंधावा को नया प्रभारी भी बनाया है. कांग्रेस हाईकमान के पास गहलोत के दो मंत्रियों समेत 3 नेताओं की अनुशासनहीनता की रिपोर्ट भी है. माना जा रहा है कि गुजरात चुनाव का परिणाम अगर अनुकूल नहीं रहा तो गहलोत पर बड़ा फैसला हो सकता है.
3. हार्दिक पटेल- 2015 में गुजरात के चर्चित पाटीदार आंदोलन से चर्चा में आए हार्दिक पटेल भी चुनावी मैदान में हैं. पटेल वीरमगाम विधानसभा सीट से भाजपा के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे हैं. मेहषाणा दंगे में दोषी साबित होने की वजह से हार्दिक 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाए थे.
खतरे में राजनीतिक भविष्य क्यों ?
वीरमगाम कांग्रेस की पारंपरिक सीट है और पिछले दो बार से लगातार पार्टी जीत रही है. हार्दिक के मुकाबले कांग्रेस ने इस बार यहां से भरवाद लखाबहाई भियाभाई को प्रत्याशी बनाया है.
हार्दिक पटेल पाटीदार आंदोलन के बड़े चेहरे रहे हैं. हालांकि चुनाव पहली बार लड़ रहे हैं. आंदोलन से निकलकर कांग्रेस में शामिल हुए थे और पार्टी ने उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था. ऐसे में अगर हार्दिक अपना पहला चुनाव हारते हैं तो उनके चुनावी शक्ति पर सवाल उठ सकता है.
अब जाते-जाते एग्जिट पोल भी जान लीजिए….
एबीपी न्यूज़ के लिए सी वोटर की तरफ से किए गए एग्जिट पोल में आप को गुजरात में 3 से 11 सीटों पर जीत मिल रही हैं. बीजेपी को 128 से 140, कांग्रेस को 31 से 43 और अन्य के खाते में दो से छह सीटें जानें का अनुमान है. एग्जिट पोल में भाजपा के वोट शेयर बढ़ने का भी अनुमान लगाया गया है.