बस्ती जनपद को पौराणिक और सांस्कृतिक स्थलों का संगम कहा जाता है. गुरू वशिष्ठ की धरती कहे जाने वाले बस्ती जनपद में कभी गौतम बुद्ध और संत कबीर दास भी रहा करते थे. गौतम बुद्ध कपिल वस्तु में तो वहीं कबीर दास जी मगहर में रहा करते थे. जहां काफी दूर से पर्यटक यहां आए करते थे लेकिन समय बीतने के साथ ही 1988 में पहले सिद्धार्थनगर और फिर 1997 में संतकबीरनगर बस्ती जनपद से अलग हो गया. जिसका नतीजा यह हुआ की बस्ती जनपद पर्यटन की दृष्टि से काफी पीछे हो गया. अब आस बची थी तो सिर्फ भगवान राम से, फिर क्या था वक्त बदला सरकारें बदली और फिर भगवान राम ने बस्ती जनपद के विकास का जिम्मा अपने ऊपर उठाया.
धर्मनगरी अयोध्या में राम मन्दिर निर्माण के साथ ही बस्ती जनपद का भी चौतरफा विकास शुरू हुआ. गुरु वशिष्ठ की धरती बस्ती के बिना भगवान राम की कल्पना भी नहीं की जा सकती क्योंकि यही के मखौड़ा धाम में पुत्र कमेष्टी यज्ञ के बाद ही भगवान राम का अवतरण अयोध्या में हुआ था. उसी का नतीजा है जहां भगवान राम का नाम आता है तो वहां बस्ती जनपद के इस मखौड़ा धाम नामक स्थान का नाम जरूर आता है. साथ ही बस्ती जनपद भगवान राम की बहन माता शांता का निवास, गुरु वशिष्ठ का निवास, घृध नाला, राम जानकी मार्ग, राम रेखा नदी, भगवान राम का शिक्षण स्थल आदि स्थित है. जिसका विकास भी अयोध्या के साथ-साथ काफी तेजी से हो रहा है. सरकार द्वारा भगवान राम से जुड़े सभी स्थलों का विकास भी तेजी से किया जा रहा है. उसी क्रम में बस्ती जनपद इन सब स्थलों का भी विकास किया जा रहा है. जिससे आने वाले समय में बस्ती जनपद धर्म नगरी अयोध्या के बाद पर्यटन के रूप में अपना अहम भूमिका निभाएगा. साथ ही यहां पर तेजी से विकास और रोज़गार के अवसर भी लोगों के लिए उपलब्ध हो सकेंगे. आचार्य देवस्य मिश्र ने बताया कि बस्ती जनपद का लगभग आधा भाग भगवान राम के राज्य का हिस्सा हुआ करता था. लिहाजा जहां भी भगवान राम का जिक्र आएगा वहां बस्ती जनपद का जिक्र जरूर होगा. जिलाधिकारी बस्ती अंद्रा वामसी ने बताया कि शासन के मंशानुरूप संस्कृतिक और पौराणिक स्थलों का विकास किया जा रहा है. जिसके क्रम में बस्ती जनपद में भी मखौड़ा धाम, श्रृंगीनारी मंदिर, राम रेखा नदी, बढ़नी गांव स्थित गुरु वशिष्ठ का आश्रम स्थल, 84 कोसी परिक्रमा मार्ग, अयोध्या रिंग रोड आदि स्थलों का विकास किया जा रहा है. विकास हो जाने से बस्ती जनपद के लाखों युवाओं को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार मिलेगा.