अमेठीः भारत की ‘जुगाड़ टेक्नोलॉजी’ का कोई तोड़ नहीं, इस तकनीक के लिए न कोई डिग्री चाहिए और न ही कहीं ट्रेनिंग, बस चाहिए तो लगन. ऐसी ही लगन के साक्षी हैं अमेठी के यशकेंद्र सिंह. ये हैं तो किसान, लेकिन इन्होंने कबाड़ से एक ऐसी मशीन बनाई है, जो किसानी से जुड़े कई कार्यों को अकेले कर सकती है. इस अनोखी मशीन के लिए यशकेंद्र कई बार सम्मानित भी हो चुके हैं.
40 वर्षीय यशकेंद्र सिंह अमेठी के पूरे मोहित शाह बड़गांव विकासखंड के निवासी हैं. उन्होंने 2020 में बाजार से कबाड़ और कुछ उपकरण इकट्ठा कर एक मशीन तैयार की, जिसका नाम ‘किलोशकर स्प्रे’ रखा. इस मशीन में करीब 12-14 प्रकार के काम एक साथ करने की क्षमता है. यशकेंद्र के 60 वर्षीय पिता शैलेंद्र प्रताप सिंह और उनके दो भाई भी इनके कार्यों में सहयोग करते हैं. इनको इस मशीन से काफी फायदा है.
हाईस्कूल में फेल हैं पर किसानी में फर्स्ट डिवीजन
पढ़ाई में मन नहीं लगने के कारण यशकेंद्र हाईस्कूल की परीक्षा में फेल हो गए थे. इसके बाद उन्होंने अपनी रुचि के अनुसार टेक्निकल काम को चुना. पहले यह टेंट का व्यवसाय करते थे, फिर इस व्यवसाय को छोड़ इन्होंने कुछ अलग करने का सोचा और अपनी किसानी को आसान करने के लिए एक मशीन तैयार करने का इरादा किया. बाजार से कबाड़ और कुछ उपकरण लाकर यशकेंद्र ने मशीन तैयार की, जिससे अब वह खेती का काम तो निपटाते ही हैं, साथ-साथ अच्छी आमदनी भी कर रहे हैं.
जानिए जुगाड़ से बनी मशीन की खूबियां
यशकेंद्र द्वारा तैयार की गई मशीन फसल की कटाई, दवा का छिड़काव, गाड़ी की धुलाई, चारा मशीन चलाना, अनाज की ओसाई, पानी निकालकर सिंचाई करने सहित अन्य कई कार्य भी करती है. यशकेंद्र सिंह खेती किसानी में एक प्रगतिशील किसान के तौर पर पूरे जिले के साथ-साथ प्रदेश स्तर में जाने जाते हैं और 30 से 35 बार सम्मानित भी हो चुके हैं. किसान यशकेंद्र सिंह ने बताया कि इस यंत्र को उन्होंने 2020 में तैयार किया था. इससे 12 से 14 प्रकार के काम हम आसानी से कर सकते हैं. इस यंत्र से हम संतुष्ट हैं. दिन प्रतिदिन हमारी खेती छोटी होती जा रही है. ऐसे में छोटे यंत्र को बनाकर इससे अन्य किसानों को भी फायदा पहुंचा रहे हैं और आमदनी भी कर रहे हैं. साल भर में वह इससे लाख रुपये का फायदा कमा लेते हैं.