नेवी के पहले अग्निवीरों के बैच की ट्रेनिंग ओडिशा के आईएनएस चिल्का में शुरू हो गई है. खास बात ये है कि 3000 अग्निवीरों के इस बैच में महिला-अग्निवीर भी शामिल हैं. पहली बार भारतीय नौसेना में महिलाएं नौसैनिक के पद पर तैनात की जाएंगी. सशस्त्र-बलों में नौसेना पहली ऐसी फोर्स है जिसके अग्निवीरों की ट्रेनिंग सबसे पहले शुरू हुई है.
भारतीय नौसेना ने बुधवार (7 दिसंबर) को आईएनएस चिल्का में अग्निवीरों के पहले बैच की तस्वीरें जारी कीं. इन तस्वीरों में नौसेना के चीफ ऑफ पर्सनल (COP), वाइस एडमिरल (VO) दिनेश के त्रिपाठी अग्निवीरों को संबोधित करते और उनसे मिलते हुए दिखाए गए हैं. नेवी के पहले अग्निवीरों के बैच की शुरुआत के मौके पर वाइस एडमिरल ने अग्निवीरों को नौसेना को चुनने के लिए बधाई दी और नेवी की कोर-वैल्यू यानि कर्तव्य, सम्मान और वीरता का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि नौसेना के इन अहम-मूल्यों से वे अपने साथ-साथ राष्ट्र के लिए उच्च लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं. वाइस एडमिरल त्रिपाठी ने चिल्का नेवल ट्रेनिंग बेस पर महिला-अग्निवीरों के लिए जरूरी सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर का जायजा लिया. साथ ही महिला-अग्निवीरों के नौसेना में शामिल होने से जुड़ी पहल की भी जानकारी ली. क्योंकि चिल्का बेस पर पहली बार महिला नौसैनिक ट्रेनिंग के लिए पहुंची हैं. नौसेना में महिला-अधिकारी तो पिछले कई सालों से हैं लेकिन नौसैनिक के पद पर पहली बार भर्ती हुई है. नौसेना दिवस से ठीक एक दिन पहले यानी 3 दिसम्बर को ही नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार ने राजधानी दिल्ली में कहा था कि अग्निपथ स्कीम के तहत अग्निवीरों के पहले बैच में कुल 3000 भर्तियां की गई हैं. इनमें से 341 महिला-अग्निवीर हैं. इस साल अग्निपथ स्कीम के तहत नौसेना में कुल 6000 रिक्तियां हैं जिनमें से 20 फीसदी महिला-अभ्यर्थियों के लिए रखी गई हैं. नौसेना प्रमुख के मुताबिक, अगले बैच से महिला-नौसैनिकों की तैनाती युद्धपोत पर की जाएगी.