महाराष्ट्र में अजित पवार की बगावत के बाद उठा सियासी तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा. बुधवार को एनसीपी के दोनों गुटों ने अलग-अलग बैठक कर शक्ति प्रदर्शन भी किया. इसी बीच अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने गुरुवार को दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है.
नई दिल्ली में दोपहर 3 बजे से एनसीपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी. शरद पवार सुबह 10 बजे मुंबई से दिल्ली के लिए रवाना होंगे. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी में बगावत, पार्टी की कमान, संपत्ति, चुनाव चिह्न, पार्टी का नाम जैसे विषयों पर चर्चा हो सकती है. शरद पवार गुट कानूनी सलाह भी ले रहा है और ये विकल्प भी खुला रखा गया है. शरद पवार के नेतृत्व में होने वाली इस मीटिंग में जयंत पाटिल, सुप्रिया सुले, जितेंद्र आव्हाड सहित एनसीपी के लोकसभा और राज्यसभा के सांसद मौजूद रहेंगे. मीटिंग में अजित पवार के खिलाफ प्रस्ताव पास हो सकता है. शरद पवार पार्टी के सर्वे सर्वा रहेंगे और राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे, ऐसा प्रस्ताव भी पास हो सकता है. इसके अलावा सुप्रिया सुले को दी गई जिम्मेदारी को दोहराते हुए प्रस्ताव लाया जाएगा और प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हो सकता है. अजित पवार अपने चाचा शरद पवार की तुलना में एनसीपी के ज्यादा विधायकों का समर्थन होने से संख्या के इस खेल में उनसे आगे नजर आ रहे हैं. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के अनुसार, पार्टी के दोनों गुटों के सूत्रों ने बताया कि अजित पवार गुट की ओर से बुलाई गई बैठक में पार्टी के 53 में से 32 विधायक जबकि शरद पवार की ओर से आयोजित बैठक में 18 विधायक शामिल हुए. इसके अलावा अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट ने शरद पवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से भी हटा दिया है. बुधवार को जारी एक बयान के मुताबिक, अजित पवार गुट ने निर्वाचन आयोग को एक हलफनामे के माध्यम से सूचित किया गया है कि उन्हें (अजित पवार) 30 जून 2023 को एनसीपी के सदस्यों, विधायी और संगठनात्मक, दोनों इकाइयों के भारी बहुमत की ओर से हस्ताक्षरित एक प्रस्ताव के माध्यम से एनसीपी प्रमुख चुना गया. प्रफुल्ल पटेल एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष बने रहेंगे. बयान में कहा गया है कि एनसीपी ने अजित पवार को महाराष्ट्र विधानसभा में पार्टी के विधायक दल का नेता नियुक्त करने का भी फैसला किया है और इस फैसले को एनसीपी विधायकों के भारी बहुमत से पारित प्रस्ताव की ओर से अनुमोदित भी किया गया है. निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने बताया कि शरद पवार खेमे ने भी आयोग के समक्ष एक याचिका दायर कर अनुरोध किया है कि गुटीय लड़ाई के संबंध में कोई भी निर्देश पारित करने से पहले उनकी बात सुनी जाए.