बिहार के पूर्व सीएम और राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव बीते कई सालों से किडनी समेत कई बीमारियों से पीड़ित हैं. कुछ समय पहले लालू प्रसाद यादव की सिंगापुर में रहने वाली बेटी रोहिणी आचार्य ने उन्हें किड़नी डोनेट करने का फैसला लिया था. बताया जा रहा है कि पहले लालू रोहिणी के किडनी डोनेट करने के फैसले के खिलाफ थे लेकिन बाद में मान गए. ऐसे में आइए जानते हैं किडनी डोनेशन से जुड़ी सभी जरूरी बातें जो सभी को जानना बहुत जरूरी है.
मानव शरीर के अंदर दो किडनी होती हैं. किडनी हमारे खून को साफ करने और शरीर से वेस्ट पदार्थों को बाहर निकालने का काम करती हैं. ऐसे बहुत से लोग हैं जो जरूरत पड़ने पर अपने परिवार वालों को किडनी डोनेट करते हैं लेकिन किडनी डोनेशन कोई छोटी चीज नहीं है. किडनी डोनेशन के बाद कुछ बातों का खास ख्याल रखने की जरूरत पड़ती है. मुंबई स्थित फॉर्टिस अस्पताल के नेफ्रोलॉजिस्ट एंड ट्रांसप्लांट फिजिशियन डॉ. हरेश डोडेजा ने बताया, “आमतौर पर हमारे पास दो किडनी होती हैं लेकिन जब कोई व्यक्ति अपनी एक किडनी डोनेट करता है तो बाकी बची एक किडनी से शरीर सामान्य से ज्यादा काम लेता है और एक किडनी का फंक्शन बढ़ जाता है और उतने फंक्शन पर कोई इंसान नॉर्मल जिंदगी जी सकता है. कुछ लोगों में पैदाइशी एक ही किडनी काम करती है या जन्म से ही दो किडनी के मुकाबले एक किडनी कम काम करती है. इन मामलों में ऐसा देखा गया है कि इस तरह के लोगों को जिंदगी में किसी तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ता. तो इन सभी चीजों के चलते यह बात सामने आई कि कोई भी व्यक्ति एक किडनी के साथ भी अपनी जिंदगी जी सकता है. डॉ. हरेश डोडेजा ने बताया, “आमतौर पर अगर किडनी डोनेट करने वाला व्यक्ति स्वस्थ है तो उसे आगे चलकर किसी भी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता है. अगर कोई व्यक्ति 30 से 40 साल की उम्र में एक किडनी डोनेट करता है और वह बिल्कुल स्वस्थ है तो उसे अगले 20 से 25 साल तक कोई भी तकलीफ का सामना नहीं पड़ता. डॉ. हरेश डोडेजा का कहना है “किडनी डोनेट करने के लिए एडल्ट एज को परफेक्ट माना जाता है. उन्होंने बताया, पहले 60 से 65 साल के लोगों को किडनी डोनेट करने की मनाही थी लेकिन आजकल के समय में डोनर्स की कमी के कारण इस उम्र के लोग भी किडनी डोनेट कर सकते हैं लेकिन उससे पहले उनके पूरे शरीर और किडनी की जांच की जाती है.”
किडनी डैमेज होने के मुख्य कारण
डॉ. हरेश डोडेजा ने बताया, “आजकल की खराब लाइफस्टाइल के चलते बहुत अधिक संख्या में लोगों को किडनी डैमेज की समस्या का सामना करना पड़ता है. किडनी डैमेज होने के ये कारण हैं:
डायबिटीज
ब्लड प्रेशर
किडनी में अंदरूनी दिक्कतें (ऑटोइम्यून दिक्कतें)
कुछ कॉमन पेन किलर्स जैसे कॉम्बिफ्लेम, ब्रूफेन आदि दवाइयों क ज्यादा सेवन
किडनी में ब्लॉकेज
एक किडनी की प्रक्रिया हो जाती है तेज
आजकल के समय में लेप्रोस्कोपिक तकनीक से किडनी रिमूवल सर्जरी की जाती है. इस तनीक में ब्लीडिंग और इंफेक्शन का खतरा काफी कम होता है. किडनी डोनेशन के बाद आमतौर पर, डोनर को पूरी तरह से ठीक होने में एक से तीन महीने का समय लगता है. किडनी डोनेट करने के बाद आपको अस्पताल में ज्यादा दिनों तक रहने की कोई जरूरत नहीं पड़ती आप घर पर रहकर भी आराम कर सकते हैं. डोनेशन के बाद आपकी बची हुई एक किडनी समय के साथ थोड़ी बढ़ने लगती है क्योंकि इसमें ब्लड फ्लो और वेस्ट पदार्थों को फिल्टर करने की प्रक्रिया तेज हो जाती है. जिसके बाद आप एक आम जिंदगी जी सकते हैं. किडनी डोनेशन के बाद जरूरी होता है कि डोनर साल में एक बार चेकअप जरूर करवाए.
किडनी को हेल्दी रखने के तरीके
किडनी डैमेज होने का एक मुख्य कारण डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर हैं. किडनी को हेल्दी रखने के लिए जरूरी है कि आप अपने ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर लेवल को मेनटेन रखें.
किडनी में स्टोन होने की वजह से भी किडनी डैमेज की समस्या का सामना करना पड़ता है. ऐसे में जरूरी है कि आप ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पिएं और खुद को हाइड्रेटेड रखें ताकि आपकी किडनी में स्टोन ना बन पाएं. इसके लिए आपको रोजाना ढ़ाई से तीन लीटर पानी जरूर पीना चाहिए.
पेन किलर्स का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए.
हेल्दी लाइफस्टाइल और डाइट के जरिए भी आप किडनी डैमेज सी समस्या से बच सकते हैं. डॉ. डोडेजा ने बताया कि डायबिटीज की तरह ही किडनी की बीमारियों का कोई इलाज नहीं है इसे आप अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करके कंट्रोल में रख सकते हैं.
क्या किडनी डोनेट करना होता है सुरक्षित?
किडनी डोनेट करने से पहले डॉक्टर्स व्यक्ति की पूरी तरह से जांच करते हैं. इस दौरान डॉक्टर्स यह जानने की कोशिश करते हैं कि क्या आप किडनी डोनेट करने के लिए बिल्कुल फिट हैं या नहीं. अगर आप स्वस्थ हैं तो किडनी डोनेट करने से आपको कोई गंभीर बीमारी नहीं होगी. हालांकि इस पूरी प्रक्रिया में थोड़ा खतरा होता है लेकिन किडनी डोनेशन को काफी सेफ माना जाता है. बहुत से मामलों में, किडनी डोनेशन के बाद व्यक्ति को किडनी,डायबिटीज या किसी भी तरह की स्वास्थ्य से संबंधित परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता.
किसी को भी डोनेट की जा सकती है किडनी
किडनी एक ऐसा ऑर्गन है जिसके ट्रांसप्लांट और डोनेशन के लिए बायोलॉजिकल संबंधों की जरूरत नहीं पड़ती है. इसके लिए डोनेट करने वाले व्यक्ति का हेल्दी रहना ही मायने रखता है.
हेल्दी रहने के लिए नहीं पड़ती दो किडनी की जरूरत
यह जानकर आपको काफी हैरानी होगी लेकिन ये बात बिल्कुल सच है कि आपके शरीर को जरूरी काम करने जैसे वेस्ट पदार्थों को बाहर निकालने और मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करने के लिए दो किडनी की जरूरत नहीं पड़ती है. किडनी डोनेशन के बाद आपकी एक किडनी शरीर के सभी जरूरी कार्यों को पूरा कर सकती है.
किडनी डोनेशन के बाद महिलाएं पैदा कर सकती है बच्चे?
अगर आप एक महिला है और किडनी डोनेट करना चाहती है तो आपको बता दें कि किडनी डोनेशन से आपकी प्रेग्नेंसी पर कोई भी फर्क नहीं पड़ता है. आप किडनी डोनेट करने के बाद भी प्रेग्नेंट हो सकती हैं. चाहे पुरुष हो या महिला, किडनी डोनेशन से फर्टिलिटी पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता. लेकिन जरूरी है कि महिलाएं किडनी डोनेशन के एक साल के बाद ही प्रेगनेंसी प्लान करें. इससे आपके शरीर को फिट होने के लिए काफी समय मिल जाएगा.
किडनी डोनेशन के बाद इन बातों का रखें खास ख्याल
किडनी डोनेशन के बाद डोनर को कुछ बातों का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है जैसे किडनी रिमूवल सर्जरी के बाद 6 हफ्तों तक कोई भी भारी सामना ना उठाएं. इस बीच भारी- भरकम एक्सरसाइज और स्पोर्ट्स एक्टिविटीज करने से बचें.
डाइट में रखें इन बातों का ख्याल
किडनी डोनेशन के बाद डोनर को अपनी डाइट और लाइफस्टाइल का खास ख्याल रखना चाहिए जैसे, शराब, कैफीन और हाई प्रोटीन फूड्स का सेवन ना करें. इन सभी चीजों को तोड़ने के लिए किडनी को काफी ज्यादा काम करना पड़ता है इससे आपकी किडनी पर भार काफी ज्यादा पड़ सकता है.