एक ऑटो चलाने वाले की बेटी अपनी मेहनत और हौसले से छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर बन गई. उस बेटी का नाम है- हिशा बघेल. वह मूलत: छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिले के बोरीगारका गांव की रहने वाली है. अग्निपथ योजना के तहत उन्होंने अग्निवीर भर्ती 2023 में हिस्सा लिया था. जिसमें वह चयनित हो गईं.
अब हिशा ट्रेनिंग के लिए ओडिशा के चिल्का जाएंगी. जहां इंडियन नेवी के सीनियर सेकेंडरी रिक्रूट का मार्च तक प्रशिक्षण लेने के बाद वह एक महिला अग्निवीर के रूप में देश की सुरक्षा करेंगी. उनकी उपलब्धि से न सिर्फ उनका परिवार, बल्कि गांववाले भी काफी खुश हैं. एक शिक्षक ने बताया कि गांव के स्कूल से पढ़ाई करने के बाद हिशा उतई महाविद्यालय में पढ़ी. जहां से वह पहले एनसीसी कैडेट बनीं. उनकी सफलता पर उनके शिक्षक भी खुशी जता रहे हैं.
‘बहुत मेहनती है मेरी बेटी, मुझे उस पर गर्व’
बेटी की कामयाबी के बारे में हिशा की मां सती बघेल ने कहा, “मेरी छोटी बेटी ने गांव के ही मैदान में युवाओं के साथ अकेले ही दौड़ने का अभ्यास शुरू किया था. सितंबर 2022 में उसने नौसेना में अग्निवीर योजना के तहत भर्ती के लिए आवेदन किया तो उसकी फिटनेस देखकर अधिकारियों ने चयन कर लिया. उसने देश की सुरक्षा का प्रण लेकर सेना में जाने के लिए खूब तैयारी की.” उन्होंने कहा कि मुझे अपनी बेटी पर बहुत गर्व है. वह बहुत मेहनती है. वह प्रशिक्षण के लिए सुबह 4 बजे उठ जाती थी.
पिता के इलाज में बिकी जमीन और ऑटो
हिशा की मां ने कहा, “हमने अपनी जमीन और ऑटो बेच दिया है और पैसे का इस्तेमाल अपने पति के इलाज के लिए किया है, जो कैंसर से पीड़ित हैं. पति की पीड़ा में बेहद खर्च के बावजूद हम अपने बच्चों को पढ़ाते हैं.”
सरकार से आर्थिक मदद की उम्मीद
मां ने आगे कहा, ‘हमें उम्मीद है कि अब सरकार से हमें आर्थिक मदद मिलेगी.’ उन्होंने बताया कि हिशा के पिता पिछले 12 सालों से कैंसर से जूझ रहे हैं. उनके इलाज और बच्चों की पढ़ाई के लिए जमीन के साथ जीवन-यापन करने वाला ऑटो भी बिक गया.