रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी से जंग जारी है और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन किसी भी कीमत पर पीछे हटने को राजी नहीं हैं. उधर, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की भी अपनी नीति स्पष्ट कर चुके हैं. वह कई बार कह चुके हैं कि यूक्रेन के लोग अपनी आखिरी सांस तक इस जंग को लड़ेंगे और जीतेंगे. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की इस युद्ध में अकेले नहीं हैं. शनिवार को ही ब्रिटेन के नए राष्ट्रपति ऋषि सुनक उनसे मिलने यूक्रेन पहुंचे और सैन्य सहायता का वादा किया. जेलेंस्की को इस जंग में ब्रिटेन के अलावा, कई बड़े देशों का साथ मिल चुका है. अमेरिका, फ्रांस, कनाडा जैसे देश यूक्रेन को सैन्य और आर्थिक सहायता दे रहे हैं. चलिए अब आपको ऐसे ही पांच देशों के बारे में बताते हैं, जिन्होंने खुले तौर पर जेलेंस्की की मदद की है और युद्ध के लिए पुतिन को जिम्मेदार ठहराया है.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन
इस लिस्ट में सबसे पहला नंबर आता है सुपर पावर अमेरिका का. अमेरिका ने पहले दिन से यूक्रेन की कई मामलों में मदद की है, चाहे फिर वो सैन्य साजो सामान हो या फिर आर्थिक सहायता. यह बात भी किसी से छिपी नहीं है कि अमेरिका और रूस के रिश्ते कभी मधुर नहीं रहे. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन कई बार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की निंदा कर चुके हैं. उन्होंने कई बार कहा है कि वे इस जंग में यूक्रेन के लोगों के साथ खड़े हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका ने यूक्रेन को सुरक्षा सहायता में $1 बिलियन से अधिक की सहायता देने का वादा किया है.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों
इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर फ्रांस है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को अपना समर्थन दिया है और कई बार उनसे फोन पर बात की है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन कह चुके हैं कि यूक्रेन पर रूस का आक्रमण “साम्राज्यवाद” की वापसी है. उनका मानना है कि जो लोग चुप रहे उनकी इसमें “मिलीभगत” थी. मैक्रों ने कहा कि युद्ध संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांत और शांति को कमजोर कर रहा है.” बता दें कि फ्रांस भी अमेरिका की तरह यूक्रेन के सैन्य उपकरण भेज रहा है.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो
कनाडा भी यूक्रेन को घातक सैन्य हथियार भेज रहा है और कीव को आधा अरब कनाडाई डॉलर (394 मिलियन डॉलर) उधार दे रहा है, ताकि वह खुद को बचाने में मदद कर सके. कनाडा के राष्ट्रपति जस्टिन ट्रूडो ने भी पुतिन के साथ जंग लड़ रहे वोलोडिमिर जेलेंस्की का साथ दिया है और कहा है कि वे लगातार यूक्रेन की मदद करेंगे. ट्रूडो ने एक इंटरव्यू में रायटर को बताया, “पुतिन को यह समझने की जरूरत है कि पश्चिम पूरी तरह से दृढ़ है और वह जो कर रहा है उसके खिलाफ खड़े होने का संकल्प लिया है.”
जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज़
यूक्रेन को अमेरिका, फ्रांस और कनाडा के साथ-साछ जर्मनी का भी साथ मिला है. जर्मनी रूस के खिलाफ रक्षा के लिए बुंडेसवेहर स्टॉक से यूक्रेन को 1,000 एंटी-टैंक हथियार और 500 स्टिंगर सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की आपूर्ति करेगा. यह हथियारों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की बर्लिन की दीर्घकालिक नीति से एक संघर्ष क्षेत्र में एक प्रमुख बदलाव है. जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज़ ने कहा है कि “पुतिन की हमलावर सेना के खिलाफ यूक्रेन का समर्थन करना हमारा कर्तव्य है.”
ऑस्ट्रेलिया ने भी की रूस की निंदा
ऑस्ट्रेलिया ने भी रूस के साथ जंग में यूक्रेन का साथ दिया है और रूसी राष्ट्रपति की निंदा की है. ऑस्ट्रेलिया ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की निंदा करते हुए कहा कि रूस की रक्षा के लिए परमाणु हथियारों का उपयोग करने की उनकी धमकी “अकल्पनीय” थी और इसने युद्ध के लिए उनके औचित्य को असत्य के रूप में उजागर किया. ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने न्यूयॉर्क में कहा, “ये खतरे अकल्पनीय हैं और वे गैर-जिम्मेदार हैं. रूस की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के उनके दावे असत्य हैं. किसी दिखावटी जनमत संग्रह से इसकी सच्चाई सामने नहीं आएगी.