ईरान में हिजाब को लेकर महीनों से प्रदर्शन जारी हैं. इस बीच राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने ईरान को इस्लामिक गणराज्य के अधिकारों और स्वतंत्रता के गारंटर के रूप में सम्मानित किया है. वहीं, संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि सरकार विरोधी प्रदर्शनों पर कार्रवाई के बीच सिस्टम के बचाव करने में 300 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है. यूएन के मुताबिक, ईरान की सरकार प्रदर्शनकारियों की आवाज को दबाने के लिए बल प्रयोग करने में लगी हुई है.
वहीं, एक टॉप स्टेट सिक्योरिटी बॉडी ने इस बीच कहा कि सुरक्षा बलों के सदस्यों सहित 200 लोगों ने इस अशांती के माहौल में अपनी जान गंवाई है. ये आंकड़े विश्व निकाय और अधिकार समूहों की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों से बेहद कम हैं. 22 साल की युवती महसा अमीनी की मौत के बाद से ईरान में हिजाब के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं. 1979 में हुई ईरान की इस्लामिक क्रांति के बाद, यह सबसे साहसिक चुनौतियों में से एक है. समाज के सभी स्तरों से उग्र ईरानियों के प्रदर्शनों ने इसे एक लोकप्रिय विद्रोह में बदल दिया है. इस बीच एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें अधिकारियों को एक पर्वतारोही एल्नाज रेकाबी के घर को ध्वस्त करते हुए दिखाया गया है, जिन्होंने अक्टूबर में हिजाब के बिना एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था. वहीं, इसके बचाव में न्यायपालिका के प्रमुख की तरफ से बयान जारी किया गया था कि घर को गिराने का फैसला चार महीने पहले जारी किया गया था क्योंकि परिवार कंस्ट्रक्शन परमिट नहीं दिखा पाया था. विरोध करने वाले लोग लगातार इस्लामी सरकार को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं.