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Homeअपना जौनपुरअसत्य पर हुई सत्य की जीत निकली रामजी की सवारी

असत्य पर हुई सत्य की जीत निकली रामजी की सवारी

  • दशमी के बाग में हुआ राम रावण का युद्ध

जौनपुर धारा, मुंगराबादशाहपुर। नगर के बहोरिकपुर में मंगलवार देर शाम को धू-धू कर रावण का पुतला दहन किया गया। असत्य पर सत्य की जीत हुई। राम के हाथो रावण मारा गया। रावण वध देखने के लिए जनसैलाब उमड़ा। वध पर गाजे-बाजे के साथ निकली रामजी की सवारी। हजारों की संख्या में दर्शकों ने मेला का आनंद लिया। इस दौरान मेला क्षेत्रजय श्री राम जय श्री राम के जयकारों से गुंजायमान रहा। श्री रामलीला कमेटी गुड़हाई के मंचन में चल रही लीला का दूर दराज से आये लोगों ने मंचन देखकर मेले का आनंद उठाया। लक्ष्मण मेघनाथ युद्ध, कुंभकरण वध के बाद रावण बध तक की लीला में हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ एकत्र रही।इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए गए थे। विजयदशमी के उपलक्ष्य में परम्परा गत रूप से रामलीला समिति द्वारा आयोजित होती आ रही है। जहां उच्च कोटि के कलाकारो द्वारा लीलाओं का मचंन होता है। लीला के दौरान रावण के सभी दैत्य युद्ध लड़ते ही मारे गये। रावण, श्रीराम से युद्ध लड़ रहा था। रावण ने ‘नाराच बाण‘ निकाला और श्रीराम की ओर प्रक्षेपित किया। श्रीराम के सामने यह बाण बेअसर रहा। दोनों तरफ से बाणों की बौछार हो रही थी। समय बीतता जा रहा था, लेकिन रावण कमजोर नहीं हुआ। तब श्रीराम से मतालि ने कहा, ‘हे प्रभु रावण का अंत समय आ गया है। श्री राम ने अग्नि से प्रज्ज्वलिल ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया जो रावण की नाभि में समा गया। एक बार विभीषण ने श्रीराम को बताया था कि रावण की नाभि में अमृत कुंड है। यदि इसे नष्ट कर दिया जाए तो रावण की भी मौत हो जाएगी। श्रीराम को यह बात मालूम थी और उन्होंने ऐसा ही किया। रावण निश्चेत होकर युद्ध भूमि में गिर गया। इस तरह रावण रूपी पाप का अंत हो गया। अन्तिम दिन रावण वध के बाद रावण के पुतले का दहन किया जाता है। विशालकाय रावण के पुतले में जैसे ही अग्नि बाण मारा गया रावण का पुतला धू-धू जलने के साथ ही आकाशीय आतिश बाजी होने लगी। रंग बिरंगी आतिशबाजियों से आसमान सतरंगी हो गया। जिसका दशहरा में हजारो लोगों ने आनन्द लिया। पुलिस द्वारा सुरक्षा के व्यापक प्रबन्ध कियें गये थे। वहीं नगर व ग्रामीण क्षेत्रों ने बच्चों ने भी रावण का पुतला बनाकर दहन किया। दूसरी ओर असत्य पर हुई सत्य की जीत के पश्चात रामजी की भव्य सवारी निकाली गई जो गाजे बाजे के साथ दशमी के बाग से चलकर नगर भ्रमण करते हुए वापस अपने यथास्थान पर आकर समाप्त हुआ। इससे पूर्व अध्यक्ष पशुपतिनाथ गुप्ता मुन्ना के द्वारा मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की आरती उतारी गई और माला पहनाकर उन्हें रथ में सवार किया। इस दौरान जय श्री राम जय सियाराम के उदघोष से समूचा नगर गूंजता रहा।

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