भारत की सरजमीं पर गलत निगाह रखने वालों पर अब और पैनी नजर रहेगी. भारत, अमेरिका से 31 एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन खरीदने की तैयारी में है. भारत-अमेरिका के बीच ‘प्रीडेटर ड्रोन’ खरीद मामले को लेकर बड़ी डील हुई है. भारतीय नौसेना चीफ एडमिरल आर हरि कुमार ने रविवार (18 फरवरी) को जानकारी दी कि इस सौदे को डिफेंस एक्यूजीशन काउंसिल ने मंजूरी दे दी है. संभवत: अगले कुछ माह के भीतर इससे जुड़ी डील पर हस्ताक्षर किए जाएंगे.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि भारत के आग्रह पत्र को परिषद की ओर से मंजूरी देने के बाद इसको अमेरिकी सरकार के पास भेज दिया गया है. इसकी उपलब्धता को लेकर एक ड्राफ्ट लेटर भी भेजा गया है जिसके बाद अब इस पर अंतिम निर्णय होना बाकी है. इसको पहले अमेरिकी कांग्रेस के सामने रखा जाएगा. इसके बाद इस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. नौसेना चीफ ने उम्मीद जताई कि इस सौदे को आगे बढ़ाया जाएगा और शायद अगले कुछ माह के भीतर इस डील पर हस्ताक्षर किए जा सकेंगे. एडमिरल कुमार ने कहा कि इसकी मैन्युफैक्चरिंग और डिलीवरी करने का यह अहम वक्त है क्योंकि फर्स्ट एयरक्राफ्ट करीब 36 माह से पहले नहीं आ पाएगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस सौदे को आगे बढ़ाने के लिए आने वाले समय में और तेजी से काम किया जाएगा.
भारतीय सेना और वायु सेना को भी मिलेंगे 8-8 प्रीडेटर ड्रोन
नौसेना चीफ के अनुसार, भारत और अमेरिका प्रीडेटर ड्रोन सौदे पर हस्ताक्षर करने को लेकर बातचीत जारी है. कुल 31 प्रीडेटर ड्रोन के अधिग्रहण करने के बाद इनमें से 15 भारतीय नौसेना की ओर से ऑपरेट किए जाएंगे तो 8-8 का संचालन भारतीय सेना और वायु सेना की तरफ से किया जाएगा. यह रक्षा डील करीब 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर में होने की उम्मीद है. इस डील में ऑपरेशन के लिए जरूरी हथियार और अन्य उपकरणों को भी शामिल किया जाएगा. एडमिरल कुमार ने इस बात की भी पुष्टि की है कि समुद्री क्षेत्र में राष्ट्रीय हितों की रक्षा सर्वोपरि है. यह समुद्र की सुरक्षा के लिए नौसेना के अटूट समर्पण को दर्शाती है.