बुंदेलखंड में अन्ना प्रथा की समस्या कई दशकों से चली आ रही है. ऐसे में लोग अपने पशुओं का उपयोग कर उन्हें छोड़ देते हैं. इस समस्या को लेकर पूर्व की सरकारों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए थे. मौजूदा बीजेपी सरकार ने अन्ना प्रथा की समस्या को देखते हुए प्रदेश में स्थायी और अस्थायी गौशालाओं का निर्माण करवाया है. इसके साथ ही अन्ना मवेशियों को पालने वाले लोगों के लिए आर्थिक मदद की भी योजना बनाई गई है. बावजूद इसके बुंदेलखंड में अन्ना प्रथा की समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है, जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. चित्रकूट जनपद में किसानों की फसलों को उजाड़ रहे अन्ना मवेशियों के आतंक से परेशान किसानों ने सैकड़ों अन्ना मवेशियों को पकड़कर तहसील परिसर के एसडीएम कार्यालय में छोड़ दिया है. इससे वहां अफरा-तफरी मच गई. मामला मऊ तहसील का है, जहां शिवपुर गांव के रहने वाले कई किसानों ने आरोप लगाते हुए बताया है कि वह अन्ना मवेशियों से परेशान हैं. इस समय गेहूं और सरसों की फसल खेतों पर खड़ी है, जिसे रात-दिन अन्ना मवेशी उजाड़ रहे हैं. रात भर ठंड में खेतों की रखवाली करते हैं. बावजूद इसके अन्ना मवेशियों से उनकी फसल नहीं बच पा रही है. यहां तक उन्होंने अन्ना मवेशियों के लिए गौशाला बनाने के लिए अपनी जमीन तक दे दी है. बावजूद इसके प्रशासन आज तक गौशाला नहीं बनवाया है. ऐसे में लगातार अन्ना मवेशी किसानों की फसल उजाड़ रहे हैं. जिसकी शिकायत उन्होंने तहसील दिवस में भी की है, लेकिन अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है. इससे परेशान होकर उन्होंने अपने गांव के सैकड़ों अन्ना मवेशियों को पकड़कर तहसील परिसर में छोड़ दिया है. अगर अब भी प्रशासन अन्ना मवेशी की समस्या को लेकर संजीदा नहीं होता है तो फिर वह बचे हुए अन्ना मवेशियों को पकड़कर तहसील में छोड़ देंगे. वहीं, इस मामले पर प्रशासन ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया है.
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अन्ना मवेशी लेकर तहसील पहुंचे किसान, मची अफरा तफरी
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