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जेल प्रशासन पस्त, हथियार पकड़नेवालों ने थामा बल्ला

बाराबंकी. उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में आईपीएल की तरह ही जेपीएल यानी जेल प्रीमियर लीग का बेहद दिलचस्प आयोजन किया गया. कभी चाकू और बंदूक का इस्तेमाल करके आपराधिक वारदात को अंजाम देकर जेल पहुंचे बंदियों ने बैट और बॉल थामे. जेपीएल में बंदी और जेल स्टाफ की कुल 10 टीमों के बीच मुकाबला हुआ. इस मुकाबले में तेंदुलकर और द्रविड़ टीमें फाइनल में पहुंची. तेंदुलकर टीम ने जेल स्टाफ की द्रविड़ टीम को बेहद शानदार मुकाबले में हराया. इस दौरान हाथों में बैट-बॉल थामे कैदियों में खेल भावना दिखी और इस दौरान कई गैंगस्टर क्रिकेटर के रूप में नजर आए.

दरअसल, बाराबंकी जिला कारागार में बीते करीब एक हफ्ते से जेपीएल का आयोजन हो रहा था. इसमें अपराध की दुनिया से ताल्‍लुक रखनेवाले अपराधी क्रिकेट के मैदान में हाथों में बैट और बॉल लिए नजर आए. आयोजन में बंदी और जेल स्टाफ की 10 टीमों ने हिस्सा लिया. जिसका फाइनल मुकाबला कैदियों की तेंदुलकर टीम और जेल स्टाफ की द्रविड़ टीम के बीच हुआ. 10 ओवर के फाइनल मैच में जेल स्टाफ की द्रविड़ टीम ने 60 रन बनाए और 61 रन का लक्ष्य बंदियों की तेंदुलकर टीम के सामने रखा. तेंदुलकर टीम ने केवल 2 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया. इस मैच के दौरान जबरदस्त रोमांच और खेल भावना नजर आई.

जेल में गैंगस्टर बने क्रिकेटर

इस फाइनल मुकाबले में जुर्म की दुनिया के खिलाड़ियों ने क्रिकेट ग्राउंड में जमकर चौके-छक्के लगाए और जेल स्टाफ की टीम के पसीने छुड़ा दिए. इस लीग के आयोजन में बाराबंकी जिला कारागार में तैनात वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीपी सिंह और जेलर आलोक शुक्ला ने अहम भूमिका निभाई. जबकि डिप्टी जेलर मनीष कुमार सिंह खुद जेल स्टाफ की द्रविड़ टीम के कैप्टन रहे. डिप्टी जेलर मनीष कुमार सिंह ने बताया कि हमारे कैदियों ने एकदम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर्स की तरह प्रदर्शन किया और एक शानदार मैच में हमारी टीम को परास्त किया है. वहीं कैदियों की तेंदुलकर टीम की कप्तानी कर रहे कृष्णदेव मिश्रा ने इस मैच के लिए जेल अधीक्षक और अन्य स्टाफ का आभार जताया. उन्होंने बताया कि इस तरह के आयोजन से हमारा मानसिक तनाव काफी कम हुआ और हमलोगों ने काफी एन्जॉय किया.

कैदियों की मनोदशा सुधारने की पहल

इस लीग के दौरान वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीपी सिंह और जेलर आलोक शुक्ला भी मौजूद रहे. जिन्होंने मैच खेल रहे कैदियों और जेल स्टाफ की जमकर हौसलाअफजाई की. जेल अधीक्षक पीपी सिंह की मानें तो कैदियों को मानसिक अवसाद से बाहर निकालने और उनकी मनोदशा सुधारने के लिए जिला कारागार में जेल प्रीमियर लीग का आयोजन किया गया. इसमें बंदियों ने शानदार प्रदर्शन किया और आज फाइनल मैच में जेल स्टाफ की टीम को हराकर खिताब अपने नाम कर लिया है.

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