फर्जी नियुक्ति, धन उगाही और संरक्षण का भी लगा आरोप
जौनपुर। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो.आशाराम ने मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर दावा किया कि बीएसए कार्यालय में अध्यापकों की फर्जी नियुक्तियों, विद्यालयों की मनमानी मान्यता और निरीक्षणों में अनियमितता के बदले अवैध वसूली का खेल वर्षों से चल रहा है। उन्होने पत्रकारों से कहा राज्यमंत्री गिरीश चंद्र यादव के संरक्षण में बीएसए पिछले तीन वर्षों से पद पर बने हुए हैं और कार्यालय में भ्रष्टाचार को खुला संरक्षण मिल रहा है। उनका कहना है कि विद्यालयों की सूची में कई संस्थाओं को नियमविरुद्ध शामिल किया गया है, जबकि अन्य विद्यालयों की मान्यता लंबित होने के कारण स्पष्ट नहीं किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कई फर्जी शिक्षकों की सेवाएं चल रही हैं, लेकिन उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर तीन सदस्यीय जांच समिति गठित करने की मांग की है। उक्त समिति में एबीएसए धर्मापुर, करंजाकला और शाहगंज से रिपोर्ट मांगी गई है, लेकिन जांच को प्रभावित करने के उद्देश्य से रिपोर्ट देने में जानबूझकर देरी की जा रही है। प्रो.आशाराम ने आरोप लगाया कि आकस्मिक निरीक्षण में दोषी पाए गए विद्यालयों और शिक्षकों से कार्रवाई न करने के बदले धन वसूला जा रहा है।