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श्रीमद् भागवत कथा मनुष्य को जीवन जीने और मरने की कला सिखाती है :आशीष कृष्ण शास्त्री

जौनपुर धारा, सुजानगंज। स्थानीय क्षेत्र के ग्राम पंचायत फरीदाबाद में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा में पंडित आशीष कृष्ण शास्त्री ने शुक्रवार को श्रीमदभागवत कथा के चौथे दिन बताया कि श्रीमद्भागवत सुनने का लाभ भी कई जन्मों के पुण्य से प्राप्त होता है। श्रीमद् भागवत कथा मनुष्य को जीवन जीने और मरने की कला सिखाती है। मनुष्य को जीवन परमात्मा ने दिया है, लेकिन जीवन जीने की कला हमें सत्संग से प्राप्त होती है। सत्संग का मनुष्य के जीवन में बड़ा महत्व है। वहीं पर आशीष कृष्ण शास्त्री महाराज ने श्री कृष्ण जन्मोत्सव की कथा का वाचन करते हुए कहा कि भगवान सदैव भक्तों के वश में है। भगवान हमेशा अपने भक्तों का ध्यान रखते हैं। जब-जब धरती पर पाप बढ़ता है, तब-तब भगवान श्रीहरि धरा पर किसी न किसी रूप में अवतार लेकर भक्तों के संकट को हरते हैं। जब कंस के पापों का घड़ा भर गया तब भगवान श्री कृष्ण ने बृज में जन्म लेकर कंस का अंत कर पापी राजा से भक्तों को मुक्ति दिलाई। इस अवसर पर नंद बाबा एवं श्री कृष्ण की सुंदर झांकी सजाई गई। सभी भक्तों ने नन्हे बालकृष्ण का पूजन किया। इससे पूर्व व्यास पीठ का पूजन मुख्य यजमान रामचंद्र तिवारी ने किया। वहीं पर मोहित पाण्डेय के मधुर भजनों को सुन उपस्थित श्रोता मंत्रमुग्ध हो गये। इस अवसर पर गायक सुधीर कुमार तिवारी, सुभाष चंद्र तिवारी, कृपा शंकर तिवारी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

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