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Homeअपना जौनपुरविश्व श्रवण दिवस पर जनजागरूकता रैली का आयोजन

विश्व श्रवण दिवस पर जनजागरूकता रैली का आयोजन

जौनपुर धारा,जौनपुर। विश्व श्रवण दिवस 03 मार्च के उपलक्ष्य में एक विशाल जनजागरूकता रैली को डॉ.राजीव कुमार, नोडल अधिकारी एन.पी.पी.सी.डी. कार्यक्रम एवं डॉ.बी.सी.पन्त अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। उक्त रैली में कुंवर हरिवंश सिंह पैरामेडिकल कालेज की छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया है। तत्पश्चात एक गोष्ठी का आयोजन डॉ. बी.सी.पन्त अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी जौनुपर की अध्यक्षता में सभागार कक्ष में आयोजित किया गया। इस वर्ष की थीम ”ऊपऊपस म्दग्हा् ंब् ेंप्ध् fदr ैदrत्् पर््ीrग्हु ्aब् fदr ूप्ग्े बर््ीr ग्.ा., 2024 ग्े, ण्प्aहुग्हु स्ग्ह्-ोूे: तू’े स्aर्व ीr aह् पर््ीrग्हुम्arा a र्rीत्ग्ूब् fदr aत्त्!” इस अवसर पर डॉ.बी.सी.पन्त अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि विश्व स्तर पर हर साल 3 मार्च को बहरेपन और सुनवाई की हानि को रोकने और दुनिया भर में कान और सुनने की क्षमता की देखभाल को बढ़ावा देने के बारे में जागरुकता फैलाने के प्रयासो पर विश्व श्रवण दिवस मनाया जाता है।नोडल अधिकारी एन.पी.पी.सी.डी.कार्यक्रम में डॉ.राजीव कुमार द्वारा बताया गया कि बहरापन ऐसी समस्या है जो उम्र बढ़ने के साथ होने वाली समस्या न होकर बचपन मे शुरु होने वाली परेशानी है। दुनिया भर में लगभग 466 मिलियन लोगो को सुनने मे दुर्बलता यानि बहरापन होता है, जिनमे से 34 मिलियन बच्चे है। दुनिया में लगभग 32 मिलियन बच्चो में सुनने की क्षमता में कमी है और प्रत्येक 1000 मे से 1 बच्चा जन्मजात सुनने की दुर्बलता के साथ पैदा होता है। बचपन की सुनवाई हानि में से 60प्रतिशत ऐसे कारणों से होती है जिन्हे टाला जा सकता है। उनके द्वारा बताया गया कि हमारे कान के सुनने की क्षमता 80 डेसिबल होती है। आज के मार्डन लाईफस्टाइल में लोग अपनी सुनने की क्षमता को ही खो बैठते है क्योंकि कुछ लोग ज्यादा शोर वाले स्थानो पर काम करते है जिससे उनकी सुनने की क्षमता प्रभावित होती है। लोगो में सुनाई न देने वाले प्रमुख कारणें में पर्दे में छेद या मेस्टोइड हड्डी का गलना है। कान की सबसे छोटी हड्डी स्टेपिज मे कपंन रुकना, कान में तरल पदार्थ भरना, वैक्स, सिर या कान पर चोट लगना है। तेज आवाज में म्युजिक सुनने से युवांओें में इस तरह की आशंका बढ़ जाती है। गलसुआ और खसरा आदि के संक्रमण के बाद भी कुछ लोगो में कम सुनने की समस्या होती है। कई बार दवाइयों के रियक्शन से भी ऐसा हो जाता है। उक्त गोष्ठी में जयप्रकाश गुप्ता, अमित सिंह, धीरज यादव, विवेक मौर्या, कुलदीप श्रीवास्तव सहित कार्यालय के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहें।

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