पहलवानों का भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन जारी है. प्रदर्शनकारी खिलाड़ियों ने मंगलवार को कहा कि वे कड़ी मेहनत से जीते अपने मेडल गंगा नदी में बहा देंगे और इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठेंगे. इसी बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर हमले करते हुए कहा कि पहलवानों को पिटना देश के लिए सही नहीं है. सीएम ममता बनर्जी ने पहलवानों के मेडल बहाने को लेकर कहा, ”वो इस पर कुछ नहीं कह सकती. ये उनका अपना निर्णय है. खिलाड़ियों के साथ इतना अत्याचार हुआ. पहलवानों को मारा भी गया. सुप्रीम कोर्ट के कहने के बाद बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर हुई, लेकिन वो अभी तक गिरफ्तार नहीं हुआ. पूजा पाठ तभी होती है जब मानवता की पूजा हो. टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने कहा कि हमारे पहलवानों के साथ इतनी मारपीट हुई कि देश का सम्मान लूट गया है. मैंने पहलवानों से दोपहर में बात की और उन्हें कहा कि हम आपके साथ हैं.” बनर्जी ने बताया कि उन्होंने पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री को बोला है कि वो पहलवानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए मार्च निकाले.
रियो ओलंपिक 2016 की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक बयान में कहा कि पहलवान मंगलवार को शाम छह बजे पदकों को पवित्र नदी में प्रवाहित करने के लिए हरिद्वार जाएंगे. साक्षी ने कहा, ‘‘पदक हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं. हम इन्हें गंगा में बहाने जा रहे हैं क्योंकि वह गंगा मां हैय इनके गंगा में बहने के बाद हमारे जीने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे. साक्षी की साथी पहलवान विनेश फोगाट ने भी इसे शेयर किया. साक्षी ने कहा कि जितना पवित्र हम गंगा को मानते हैं उतनी ही पवित्रता से हमने मेहनत करके इन पदकों को हासिल किया था. बता दें कि मंगलवार को हरिद्वार में गंगा दशहरा है और संभवत: एक ऐसा दिन जब बड़ी संख्या में लोग वहां पूजा करने आएंगे. दिल्ली पुलिस ने रविवार (28 मई) को साक्षी के साथ विश्व चैंपियनशिप की कांस्य विजेता विनेश फोगाट और एक अन्य ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया को हिरासत में लिया और बाद में उनके खिलाफ कानून और व्यवस्था के उल्लंघन के लिए एफआईआर दर्ज की. जंतर-मंतर पर ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेताओं को दिल्ली पुलिस ने जबरदस्ती बस में डाला जब रविवार को पहलवानों और उनके सामर्थकों ने सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश की. पहलवानों को नए संसद भवन की ओर बढ़ने की अनुमति नहीं थी. इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका उद्घाटन करना था और पुलिस ने जब पहलवानों और उनके समर्थकों को रोका तो उनके बीच धक्का-मुक्की भी हुई.
मेडल गंगा नदी में बहाकर आमरण अनशन पर बैठेंगे प्रदर्शनकारी खिलाड़ी
