महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में खसरे के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. बढ़ते खतरे को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीएमसी को अतिरिक्त डोज देने का आदेश दिया था. इसकी शुरुआत गुरुवार (1 दिसंबर) से की गई थी. पहले दिन रिस्पॉन्स कम मिला लेकिन तीन दिन होते-होते अभिभावक अपने बच्चों को टीकाकरण के लिए ज्यादा संख्या में लाने लगे हैं.
जानकारी के अनुसार, पिछले तीन दिनों में बूस्टर डोज दी गई हैं और एक भी डोज नहीं लेने वाले बच्चों में से करीब पांच प्रतिशत को टीके लगाए जा चुके हैं. बीएमसी से मिली जानकारी के अनुसार, अतिरिक्त डोज के लिए 9 महीने से लेकर 5 साल तक के 1,88,013 बच्चे पात्र पाए गए हैं. वहीं, 6 महीने से 9 महीने आयु वर्ग के 3,569 बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने एक भी डोज नहीं ली है. बच्चों को टीका देने की सुविधा इलाकों में मौजूद हेल्थपोस्ट और स्वास्थ केंद्रों में की गई है. इन हेल्थपोस्ट पर अभिभावक अपने बच्चों को मुफ्त में टीका लगवा सकते हैं. स्वास्थ विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले दिन 9 महीने से 5 वर्ष तक की आयु वर्ग के 1,142 बच्चों को बूस्टर डोज दी गई और 6 महीने से 9 महीने के 20 बच्चों को पहली डोज दी गई. दूसरे दिन बूस्टर डोज की संख्या 3,208 हो गई और पहले डोज की संख्या 109 रही. वहीं, तीसरे दिन बूस्टर डोज लेने वाले बच्चों की संख्या 3,064 हो गई और पहला डोज लेने वाले बच्चों की संख्या 55 देखी गई. दरअसल, मुंबई में खसरे से पीढ़ित बच्चों की संख्या 386 हो गई है. वहीं, संदिग्ध मरीजों की संख्या 4,508 रिपोर्ट की गई है. मुंबई में 111 बच्चे अस्पताल में भर्ती है, जिनमें से 25 ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, 5 आईसीयू में और 2 वेंटीलेटर पर हैं. आंकड़ों के मुताबिक, आज (4 दिसंबर) 30 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.