- फिटनेस, एनओसी और बिजली अस्थाई कनेक्शन है अनिवार्य
- खतरनाक झूला दे सकता है खतरों को दावत
जौनपुर धारा, जौनपुर। प्रदर्शनी महोत्सव के तत्वावधान में लगे मेले का मकसद उद्यमियों के माल का प्रचार-प्रसार करना होता है। इसी में लोगों को आकर्षित करने के लिए तरह-तरह के गेम व झूले भी लगे रहतें हैं। जोकि लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनता है। अक्सर मेलों के आयोजक प्रदर्शनी लगाने की तेजी में बिना मानक पूर्ण किये ही झूले आदि लगाकर क्षेत्र की जनता के जीवन से खिलवाड़ करतें रहतें हैं। आम तौर पर आयोजक के पास झूलों की एनओसी, लगाये गये आकर्षक व खतरनाक झूलों के फिटनेस रिपोर्ट सहित क्षमता अनुसार बिजली अस्थाई कनेक्शन अनिवार्य होता है। सूत्रों की मानें तो मेले के आयोजन के लिए अनुमति की जो प्रक्रिया होती है, उसका पूर्णरूप से पालन नहीं किया गया है। आयोजकों को अनुमति तो दी गई, मगर दूसरे ढंग से। इस तरह के मेले आयोजन के लिये थाना रिपोर्ट अतिअनिवार्य होता है जिसके बाद ही अनुमति पत्र जारी किया जाता है। अनुमति के लिए सिटी मजिस्ट्रेट दफ्तर पर आवेदन करना होता है और फिर सिटी मजिस्ट्रेट संबंधित थाने व सीओ से रिपोर्ट मांगते हैं, सभी से एनओसी आने के बाद अनुमति जारी होती है। इन दिनों जौनपुर के बीआरपी कॉलेज के मैदान में चल रहे ड्रीमलैण्ड प्रदर्शनी एवं मेला के आयोजक ने इस प्रक्रिया को अपनाया गया या नहीं यह जाँच का विषय है। हालाकि सालों से जौनपुर में प्रदर्शनी मेले का आयोजन होता रहा है और आज तक कोई घटना नहीं घटी लेकिन इस मेले में पहले से कहीं ज्यादा खतरनाक झूले लगायें गयें है। जिसके एनओसी, फिटनेस, बिजली क्षमता का दुरूस्त होना आवश्यक है। विगत कुछ वर्ष पूर्व सहारनपुर में इन मानकों के अनदेखी के कारण झूला टूट गया था और मनोरंजन का लुफ्त उठाने आये काफी लोग घायल हो गये थे। जिससे बाद जिले के आलाधिकारियों द्वारा प्रदर्शनी को आनन-फानन में बन्द कराया गया था।