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पाकिस्तान और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के बीच खत्म होने जा रही समझौते की मियाद

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में आर्थिक हालात काफी खराब हो चुके हैं. पाकिस्तान पर डिफॉल्ट होने का खतरा मंडरा रहा है. हालांकि आज का दिन पाकिस्तान के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है. दरअसल, अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष की तरफ से मिलने वाली उम्मीदें आज खत्म भी हो सकती हैं. या फिर पाकिस्तान को मुसीबत में एक बार फिर आईएमएफ से मदद मिल सकती है. खैर, जो भी होना होगा, उसके लिए आज का ही दिन आखिरी है.

दरअसल, 30 जून को पाकिस्तान और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के बीच समझौते की मियाद खत्म होने जा रही है. पाकिस्तान, आईएमएफ से 6 अरब डॉलर के बेलआउट का इंतजार कर रहा है. आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए यह रकम बेहद जरुरी है. गौरतलब है कि आईएमएफ ने तीन जुलाई 2019 को पाकिस्‍तान के लिए 21वें ऋण की मंजूरी दी थी. लेकिन यह मदद अभी तक पाकिस्तान को नहीं मिल पाया है. शहबाज शरीफ की सरकार अभी तक आईएमएफ से गुहार लगाने के साथ धमकी देने तक, सारे पैतरे आजमा चुकी है. बता दें कि दिसंबर में  पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच चर्चा तब रुक गई जब वैश्विक वित्तीय संस्थान ने बेलआउट से 1.1 अरब डॉलर की महत्वपूर्ण किश्त जारी करने में देरी कर दी. तब से यह मामला यही अटका पड़ा है. ऐसे में आज का दिन पाकिस्तान के भविष्य के लिए बहुत कुछ तय करेगा. अगले कुछ घंटे में तय हो जाएगा कि पाकिस्तान किस दिशा में बढ़ता है. यह मुल्‍क कंगाल होगा या फिर आईएमएफ उस पर तरस खाएगा, यह जानने के लिए आज का दिन बेहद बेहद महत्वपूर्ण है. आईएमएफ के अधिकारी नाथन पोर्टर ने कहा, है कि ‘नया स्टैंडबाय समझौता पाकिस्तान के 2019 विस्तारित फंड सुविधा-समर्थित कार्यक्रम पर आधारित है जो जून के अंत में खत्‍म हो रहा है. गौरतलब है कि इससे पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को आईएमएफ की एमडी क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से बात की, जहां उन्होंने लोन के जल्द बेलआउट का अनुरोध किया.  यह बात पेरिस में एक वैश्विक वित्त बैठक के इतर दोनों की मुलाकात के लगभग एक सप्ताह बाद हुई. इससे पहले वैश्विक संस्थान का दावा था कि पाकिस्तान बेलआउट के शर्तों का पालन नहीं किया है. वहीं पाकिस्तान का दावा है कि उसने शर्तों का पूरी तरह से पालन किया है.

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