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Homeअपना जौनपुरघनी आबादी में संचालित हो रही पटाखों की दूकानें

घनी आबादी में संचालित हो रही पटाखों की दूकानें

  • बारूद ढेर पर तेजी से चलता रहता है इनका धंधा

जौनपुर धारा, जौनपुर। घनी आबादी वाले क्षेत्रों में पुलिस और प्रशासन के सामने पटाखे बिक रहे हैं। घनी आबादी वाले क्षेत्रों में पटाखे की बिक्री रोक लगाई गई है। बावजूद इसके स्थानीय नगर में कई दुकानदार थोक और खुदरा भाव में पटाखे बेच रहे हैं। दुकानों में तो कम मात्रा में पटाखें रखकर प्रशासन को गुमराह करतें है लेकिन इन्होने घनी आबादी के बीच की अपना बड़ा-बड़ा गोदाम बना रखा है।

विवाह व लग्न के समय इन दुकानदारों द्वारा वैध और अवैध रूप से पटाखे बनाने व बेचने का धंधा तेजी से चलता रहता है। आलम यह है कि नगर में आबादी के बीच आतिशबाजी का भंडारण किया जा रहा है वहीं आबादी के बीच ही उनका निर्माण भी हो रहा है। आबादी के बीच में इन पटाखों के व्यापारी लाइसेंसधारी हैं, लेकिन इनके पास क्षमता से अधिक बारूद का गोदाम बना हुआ है। आतिशबाजी के लाइसेंस जारी करने में यह निर्देश होते है कि जहां पर इसका निर्माण हो वह आबादी से एक किमी दूर हो। आतिशबाजी पक्के मकान के स्थान पर एक कोठरी के भीतर एक फीट ऊंचे चबूतरे पर बनाई जाए। आयुध नियमों के मुताबिक आतिशबाजी का भंडारण आबादी क्षेत्र में नहीं होना चाहिए। जहां भंडारण हो वहां पर अग्निशमन वाहन पहुंचने के लिए रास्ता होना चाहिए। उसके आसपास होटल, चाय की दुकान, रेस्टोरेंट नहीं होना चाहिए। लेकिन शहर में संचालि दुकानें इन मानकों को पूर्ण नहीं करतीं है। शहर में पटाखा फैक्ट्री और गोदाम की जांच में लापरवाही से बड़ी आबादी खतरें में है। संघन बस्तियों में कारोबारियों ने पटाखें के कई अवैध गोदाम रखें हैं। कुछ जगहों पर घरों में गुपचुप तरीके से पटाखें निर्माण का काम भी चल रहा है। इसके लिए घरों में बारूद का अवैध भंडारण भी हो रहा है। पटाखा कारखाना, पटाखा कारोबार और पटाखा भंडारण के लिए अलग-अलग स्तर पर लाइसेंस जारी करने का प्रावधान है। बड़ी पटाखा फैक्ट्रियों को सीधे प्रदेश के गृह मंत्रलाय से अनुमति जारी होती है। छोटी पटाखा फैक्ट्रियों, पटाखा भंडारण और पटाखा कारोबारियों को जिला प्रशासन लाइसेंस जारी करता है। लाइसेंस जारी करने के साथ ही नवीनीकरण के वक्त भी प्रति वर्ष सुरक्षा उपायों को जांचने का प्रावधान है। ऐसे में ये दूकानदार छटाक भर पटाखों का लाइसेंस लेकर पूरा-पूरा गोदाम संचालित कर रहें हैं।

क्या है एक्सप्लोसिव एक्ट

इसकी लापरवाही इस बात से ही समझी जा सकती है कि नए फायर सेफ्टी एवं एक्सप्लोसिव एक्ट 16 दिसंबर, 2022 के नियमों के अनुसार एक भी पटाखा व्यापारी ने नगरीय निकाय को जांच के लिए आवेदन नहीं किया है। उसके बावजूद धड़ल्ले से पटाखा गोदाम से लेकर दुकानें चल रही है। लाइसेंस जारी होने से नवीनीकरण में खानापूर्ति बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है।

इन्हे माना जाता है पटाखों का केन्द्र

शहर में चहारसू चौराहे कुछ दूरी पर ताज स्टोर व खोवा मण्डी में रॉयल सहित कुछ क्षेत्रों में पटाखें का अवैध कामकाज होता है। यह क्षेत्र पटाखा व्यवसाय के प्रमुख केंद्र। सूत्रों के अनुसार शहर में दर्जन भर अवैध पटाखा गोदाम होने का अनुमान है। इसका एक केन्द्र कटघरा भी माना जाता है।

हो चुके हैं कई हादसें

इससे पूर्व कई हादसे जौनपुर में हो चुके हैं। जिसमें अनगिनत मौतें भी हुई है, जिसके बाद जिला प्रशासन कुछ क्षण के लिये जागा था और जैसे-जैसे समय बीतता गया। लोग घटनाओं को भूलते गये। लेकिन वो मंजर याद कर आज भी आस-पास के लोगों के रोगते खड़े हो जातें हैं।

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